मुख्यमंत्री विवाह योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर तक सामूहिक विवाह की अनुमति दी जाए
विधायक सचिन बिरला ने लिखा खरगोन जिला कलेक्टर को पत्र
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद / प्रदेश की सामाजिक संस्थाओं द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को ग्राम पंचायत स्तर तक लागू करने की मांग शासन से की जा रही है। ताकि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का लाभ ग्रामीण और सुदूरवर्ती आदिवासी ग्रामों के प्रत्येक समाज और वर्ग के परिवारों को मिल सके।
इस तारतम्य में विधायक सचिन बिरला ने खरगोन जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया है। पत्र में मांग की गई है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को और अधिक व्यापक स्वरूप प्रदान किया जाए तथा पंचायत स्तर पर भी मुख्यमंत्री विवाह योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह समारोहों की अनुमति दी जाए। इस संबंध में विधायक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण) जिला पंचायत खरगोन के पत्र क्रमांक 441/मुकवियो / 2025, दिनांक 09.04.2025 का हवाला देते हुए कहा है कि इस पत्र में जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (संशोधित योजना- 2022) की गाईड लाईन के बिन्दु क्रमांक-8 के अनुसार मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह / निकाह योजना अंतर्गत जनपद पंचायत में ग्राम पंचायत स्तर पर एक ही तिथि पर अलग-अलग आयोजन किए जा रहे है। अतः आगामी सामूहिक विवाह का आयोजन जनपद पंचायत स्तर या सेक्टर/कलस्टर पर ही किया जाना सुनिश्चित करें। अन्य किसी संस्था व्दारा यदि विवाह कराया जाता है तो वह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ पाने हेतु पात्र नही होंगे।
विधायक ने इससे असहमति व्यक्त करते हुए जिला कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (संशोधित योजना- 2022) की कण्डिका-2 अनुसार मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में निवासरत जरूरतमंद कन्याओं/विधवाओं (कल्याणी) परित्यक्ता बहनों को उनके विवाह के समय आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जाना है। यह योजना एक हितग्राहीमूलक योजना है। इसलिए कण्डिका-6.4 के अनुसार सामूहिक विवाह कार्यक्रम न्यूनतम 05 जोड़ों के आवेदनों के आधार पर आयोजित किया जा सकता है। इस संबंध में कण्डिका-23 के अनुसार मुख्यमंत्री विवाह योजनांतर्गत व्यय मांग संख्या-34 शीर्ष-2235 के अंतर्गत सामान्य वर्ग मद,आदिवासी वर्ग मद एवं अनुसूचित जाति वर्ग मद के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। इस कारण मुख्यमंत्री योजना विवाह योजना के लाभ से समाज का कोई भी वर्ग वंचित नहीं होना चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (संशोधित योजना- 2022) की कण्डिका-8 के अनुसार मुख्यमंत्री विवाह योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन हेतु शहरी क्षेत्र में नगर निगम, नगर पालिका,नगर परिषद एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायतें पात्र हैं।
इस प्रकार अन्य किसी संस्था व्दारा कराए जा रहे सामूहिक विवाह मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत लाभ पाने के पात्र नहीं होंगे। उपर्युक्त पेरा-3 के अनुसार शासन व्दारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने हेतु केवल संस्थाओं को अधिकृत किया गया है। स्थान के संबंध में ऐसा कोई बंधन या प्रावधान नहीं रखा गया है कि केवल जनपद स्तर पर ही या क्लस्टर स्तर पर ही सामूहिक विवाह कार्यकम आयोजित किए जा सकेंगे। अर्थात सामूहिक विवाह समारोह ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर भी आयोजित किए जा सकते हैं। ज्ञातव्य है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर सभी समाज/वर्गों के 05 से अधिक जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। अतःमुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर ही सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित कराए जाएं। ताकि जनकल्याणकारी योजना का लाभ सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी ग्रामों तक भी सुचारु रूप से पहुँचाया जा सके। पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण और सुदूरवर्ती आदिवासी क्षेत्रों में निवासरत समाज/वर्ग के हितग्राहियों को जनपद पंचायत स्तर पर ही सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बाधित किया जाना अनुचित है। ऐसा करने से ग्रामों और आदिवासी इलाकों में निवासरत समाज का एक बड़ा गरीब वर्ग मुख्यमंत्री विवाह योजना के लाभ से वंचित रह जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना का उद्देश्य गरीब / निर्धन परिवारों को बेटियों के विवाह के दौरान कर्ज के बोझ से बचाने तथा बेटियों का विवाह गरिमामय तरीके से संपन्न कराना भी है। इसलिए ग्रामीण और सुदूरवर्ती आदिवासी क्षेत्रों की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना को क्लस्टर या जनपद पंचायत स्तर पर आयोजित करने की बाध्यता से मुक्त किया जाए और प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर सामूहिक विवाह समारोह आयोजित कराए जाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं।