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*संस हास्पिटल में रिसेप्सनिस्ट,नर्स की हत्या के मामले में अभियुक्त गिरफ्तार

संत कबीर नगर ,पुलिस अधीक्षक जनपद संतकबीरनगर सत्यजीत गुप्ता* के निर्देशन, अपर पुलिस अधीक्षक सन्तकबीरनगर सुशील कुमार सिंह के मार्गदर्शन व क्षेत्राधिकारी खलीलाबाद अजीत चौहान* के पर्यवेक्षण में जनपद संतकबीरनगर मे अपराध एवं अपराधियो के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में थाना कोतवाली खलीलाबाद पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए आज दिनाँक 09.04.2025 को घटना में संलिप्त 01 नफर अभियुक्त रामजीत भारती उर्फ रामजी राव पुत्र रामचरित्र निवासी चंगेरा मंगेरा थाना कोतवाली खलीलाबाद जनपद संतकबीरनगर को कांटे हाईवे के पास से गिरफ्तार किया गया ।

घटना का विवरण दिनांक 08.04.2025 को वादी संतराम पुत्र छोटेलाल ग्राम पहुंरा थाना पुरानी बस्ती जनपद बस्ती द्वारा थाना कोतवाली खलीलाबाद पर सूचना दी गयी कि वादी की नतिनी ममता पुत्री रामभवन उम्र 25 वर्ष जोकि संस हास्पिटल एण्ड ट्रामा सेन्टर टेमा चौराहा जनपद संतकबीरनगर में बतौर रिसेप्सनिस्ट/नर्स के रुप में कार्य करती थी, जिसकी दिनाँक 08.04.2025 को संस अस्पताल टेमा रहमत में मृत्यु हो गई है, इस घटना में हास्पिटल के संचालक रामजी राव की भूमिका संदिग्ध है । उक्त सूचना के आधार पर थाना कोतवाली खलीलाबाद पर अभियोग पंजीकृत किया गया था ।

गिरफ्तार किये गये अभियुक्त से पूछताछ की गयी तो बताया कि उसके हास्पिटल पर ममता चौधरी पुत्री रामभवन चौधरी ग्राम पहुरा थाना पुरानी बस्ती जपनद बस्ती रिसेप्सन पर काम करती थी । उससे मेरा प्रेम प्रंसग था तथा कुछ दिनों से ममता हास्पिटल में काम करने वाले एक अन्य कर्मचारी अभिषेक से लगातार फोन पर बात करती थी । दिनांक 07.04.2025 को रात्रि करीब 8.45 बजे मैने ममता को छत पर बुलाया और उसे अभिषेक से मिलने व बात न करने के लिए मना किया तो मानने को तैयार नही हुयी तो मैने गुस्से मे ममता को दो चार थप्पड मारा व गला दबाने का प्रय़ास किया लेकिन तभी हास्पिटल की एक कर्मचारी शाजिया खातुन छत पर एक मरीज ईलाज के लिए आने की बात बताने के लिए मुझे बुलाने के लिए आ गयी तो मै ममता को छोड़ दिया लेकिन मुझे इस बात का बहुत गुस्सा था अगले दिन सुबह करीब 07.00 बजे मैं मौका पाकर उसके कमरे में गया, उस समय लाईट भी कटी थी और सीसीटीवी कैमरा भी बन्द था । मैने ममता की गला दबाकर हत्या कर दी तथा कमरे के दरवाजे को ऊपर हाथ अन्दर डालकर सिटकिनी बन्द कर दिया और अपने कमरे में आकर सो गया । कुछ देर बाद साजिया खातुन व हास्पिटल के अन्य कर्मचारियों द्वारा ममता के कमरे मे सोये रहने की बात मुझे बतायी तो मैने जाकर ममता के मृत्यु को सामान्य रुप देने के लिए ऊपर से ही दरवाजे की सिटकिनी खुलवाकर ममता को इलाज के लिए बेड पर लिटाया और इसकी सूचना उसके घर वालों को दिया और मै मोबाईल लेकर मौके से अपने को बचने के लिए फरार हो गया ।

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