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हिंदू सभ्यता हजारों वर्षों से संघर्षरत: डॉ.अजय जैन*

डॉ.हेडगेवार व्याख्यानमाला*

रिपोर्ट सुधीर बैसवार 

सनावद / प्रत्येक हिंदू अपने आप में एक हिंदू राष्ट्र है। हिंदुत्व एक सार्वभौमिक विधान है। इसलिए हिंदुत्व कभी भी समाप्त नहीं होगा। अपितु जैसे-जैसे मानव जाति का ज्ञान का दायरा बढ़ेगा वैसे-वैसे हिंदुत्व का प्रसार बढ़ेगा। 

उक्त आशय के उद्गार सुप्रसिद्ध विचारक डॉ.अजय जैन ने डॉ.हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला के अंतिम दिवस व्यक्त किए। व्याख्यानमाला की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र मंडलोई ने की।अतिथि सत्कार व्याख्यानमाला समिति के अध्यक्ष संदीप चौधरी ने किया। मुख्य वक्ता डॉ.अजय जैन का परिचय दीप्ति बंसल ने दिया और कहा कि एमएस डॉ.जैन एक कुशल शल्य चिकित्सक हैं और मानव जाति की उत्पत्ति, मानव के

क्रमविकास तथा विश्व की सभ्यताओं के उत्थान और पतन पर उनका गहरा अध्ययन है। वर्तमान में डॉ.जैन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला संघ चालक के दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। 

डॉ.जैन ने वर्तमान समय में पंच परिवर्तन की आवश्यकता क्यों? विषय पर प्रभावशाली वक्तृता दी। डॉ.जैन ने कहा कि जहां दुनिया की अनेक प्राचीन सभ्यताएं मिस्र,बेबीलोन,रोमनआदि अपना अस्तित्व खो चुकी हैं,वहीं हिंदू सभ्यता काल को चुनौती देते हुए आज भी अपना अस्तित्व सुरक्षित रखे हुए है।लेकिन समय के साथ हिंदू समाज में सद्गुणों के साथ कुछ अवगुणों का भी प्रादुर्भाव हो गया है। हिंदू समाज को इन अवगुणों का उन्मूलन करना है। प्राचीन भारत यानी आर्यावर्त में वैदिक दर्शन का विकास हुआ। आर्यावर्त में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन जल,जंगल,उर्वर भूमि एवं अनुकूल जलवायु चक्र के बीच हिंदू सभ्यता का विकास हुआ। हिंदू धर्म प्राकृतिक नियमों में ढला है।हिंदू समाज कला,दर्शन,धर्म और आध्यात्म में रचा बसा है। धर्म, हिंदू समाज का प्राण है। कालखंड व्यतीत होने के साथ स्मृतियां बदलीं लेकिन हिंदू सभ्यता का मूल भाव आज भी अक्षुण्ण है। प्राचीन काल में ऋषियों ने मानव जीवन का लक्ष्य बताते हुए अर्थ,धर्म,काम और मोक्ष का सार्वजनिन सिद्धांत दिया। हिंदू मानता है कि हमारे धर्म का मूल भाव सत्य है,ब्रम्ह एक है,आत्माएं पुनर्जन्म लेती हैं और अंत में आत्मा मोक्ष को प्राप्त होती हैं। हिंदू समाज पिछले दस हजार वर्षों से लेकर आज तक संघर्ष कर रहा है। सिकंदर के आक्रमण के समय आठवीं शताब्दी में भारत का ज्ञान और वैभव शिखर पर था। इसके बाद भारत पर गजनवी,गौरी,तुगलक और मुगलों का आक्रमण हुआ। इसके बाद भारत में अंग्रेज और डच आए।अंग्रेजों ने हमारे गुण कर्म को जाति भेद में बदल दिया। मैक्समूलर ने आर्य और द्रविड़ संस्कृति को अलग बताया। मैक्समूलर की संकल्पना झूठी और निराधार है। इसी प्रकार आजादी के बाद वामपंथियों ने भारत के शैक्षणिक संस्थानों पर कब्जा कर उन्हें विकृत कर दिया। इतिहास को बदलने का प्रयास किया गया और भारत के गौरवशाली इतिहास को छिपाने का प्रयास किया गया। लेकिन हिंदू समाज संघर्ष करता रहा और आज भी हिंदू समाज का संघर्ष जारी है।  

डॉ.जैन ने कहा कि वर्तमान समय में सर्वप्रथम हिंदू समाज को स्व का बोध पुनः विकसित करना होगा। खोया हुआ आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पुनः पाना होगा और अपने हिंदू होने पर गौरव का भाव विकसित करना होगा। दूसरा हिंदू समाज को अब जात-पात के भेद से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करना होगा । तीसरा हिंदू समाज को प्रकृति और पर्यावरण की चिंता करनी होगी और प्रकृति तथा पर्यावरण के संवर्द्धन के प्रयास करना होंगे। चौथा हिंदू समाज को सामूहिक चेतना का विकास करना होगा और नागरिक अनुशासन का पालन करना होगा। पांचवां हिंदू समाज को पारिवारिक विघटन रोकना होगा। यद्यपि हिंदू समाज में स्वयं सुधार की स्वाभाविक प्रवृत्ति विद्यमान है।लेकिन वर्तमान खतरों को दृष्टिगत रखते हुए हिंदू समाज को अपने भीतर मौजूद इन विकृतियों को समाप्त करना होगा। क्योंकि हिंदुत्व न केवल भारत के लिए जरूरी है अपितु विश्व के कल्याण के लिए भी हिंदुत्व का अस्तित्व जरूरी है। अंत में डॉ.जैन ने श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। 

व्याख्यानमाला में समाजसेवी दीपक भारद्वाज,रामकिशन माहेश्वरी, डॉ.केके श्रीवास्तव, अनुराग गीते,चैतन्य बंसल,शिखा श्रीवास्तव,वंदना गंगराड़े,अमिता मंत्री,गंगाभारती शर्मा,शोभा चौधरी, डॉ.ऋत्विक रांका,दीपक पगारे, राजेंद्र जैन महावीर,डॉ.कमलेश चौधरी,शैलेंद्रसिंह तोमर,राजा चौरसिया सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित थे। समिति के उपाध्यक्ष नयन सक्सेना और योगेश नीमा ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन राजुल माहेश्वरी ने किया।आभार डॉ.जितेंद्र बिर्ला ने माना।

Sudhir Baiswar

सुधीर बैसवार भारत संवाद न्यूज़ के सनावद तहसील के संवाददाता हैं. सुधीर बैसवार वर्तमान में भारत संवाद न्यूज़ ग्रुप के टीवी,वेब सहित भारत संवाद न्यूज़ समूह के सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए योगदान दे रहे हैं.

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