
सतत नवाचार पर मंथन के लिए एसआरएमयू में शुरू तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
लखनऊ. संवाददाता अमित चावला
श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘सस्टेनेबल इन्नोवेशन: ब्रिजिंग रिसर्च एंड इंडस्ट्री फॉर ए रेसिलिएंट फ्यूचर’ विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ 7 अप्रैल दिन सोमवार को दीप प्रज्ज्वलन, सरस्वती वंदना, कुलगीत के साथ किया गया। द सिंथेटिक एंड आर्ट सिल्क मिल्स रिसर्च एसोसिएशन, इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड टेक्सटाइल्स, बॉम्बे टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के सहयोग से आयोजित इस सम्मलेन के शुभारम्भ के मौके पर मुख्यरूप से विश्वविद्यालय के चांसलर इंजिनियर पंकज अग्रवाल, प्रो- चांसलर इंजीनियर पूजा अग्रवाल, वाईस चांसलर प्रोफ़ेसर विकास मिश्रा, कार्यक्रम की वाईस चेयरपर्सन एवं रजिस्ट्रार प्रोफ़ेसर नीरजा जिंदल के साथ ही मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश फॉरेस्ट कॉरपोरेशन के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक आशीष तिवारी, इंटरनेशनल फैशन बिज़नेस एक्सचेंज काउंसिल (आईएफबीईसी) की संस्थापक नेहा गुप्ता एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एसोसिएशन ऑफ सिंथेटिक्स फाइबर इंडस्ट्री, मुंबई के प्रेसिडेंट, राजेन उदेसी ऑनलाइन उपस्थित रहे।
हाइब्रिड मोड में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ऑनलाइन-ऑफलाइन मौजूद देश-विदेश के सैकड़ों शिक्षाविद, उद्योगपति एवं प्रतिभागियों के बीच सम्मलेन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के चांसलर इंजिनियर पंकज अग्रवाल ने कहा कि सस्टेनेबल इन्नोवेशन आज की आवश्यकता है। यह सम्मेलन शोध और उद्योग के बीच एक मजबूत सेतु बनाकर भविष्य को लचीला और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें ऐसी तकनीकों और विचारों को बढ़ावा देना होगा जो पर्यावरण और समाज दोनों के लिए संतुलित विकास सुनिश्चित करें। प्रो-चांसलर इंजीनियर पूजा अग्रवाल कहा कि शोध और उद्योग का समन्वय ही सतत विकास की कुंजी है। यह सम्मेलन नवाचार के माध्यम से चुनौतियों का समाधान खोजने और एक मजबूत भविष्य की नींव रखने का अवसर प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर प्रोफ़ेसर विकास मिश्रा के कहा कि सस्टेनेबल इन्नोवेशन केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है जो अकादमिक शोध को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से जोड़ता है। यह सम्मेलन हमें उद्योग और शिक्षा के बीच सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रेरित करता है।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित अतिरिक्त प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश फॉरेस्ट कॉरपोरेशन, उत्तर प्रदेश सरकार के आशीष तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि “सस्टेनेबल इनोवेशन” केवल तकनीकी शब्द नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है। चाहे हम शासन में हों, उद्योग में हों, या शिक्षा जगत में जो हम सभी पर है। हमें ऐसी प्रथाओं को बढ़ावा देना है जो विकास के साथ-साथ प्रकृति के संरक्षण को भी सुनिश्चित करें। उत्तर प्रदेश फॉरेस्ट कॉरपोरेशन नवाचारों को अपनाने और समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। विशिष्ट अतिथि के रूप में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एसोसिएशन ऑफ सिंथेटिक्स फाइबर इंडस्ट्री, मुंबई के प्रेसिडेंट, राजेन उदेसी ने कहा कि सस्टेनेबल इन्नोवेशन: ब्रिजिंग रिसर्च एंड इंडस्ट्री फॉर ए रेसिलिएंट फ्यूचर’ जैसा विषय आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है। आज की दुनिया ऐसे समाधानों की माँग कर रही है जो पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार हों और साथ ही सामाजिक और आर्थिक विकास को भी सुनिश्चित करें।
सम्मलेन में सभी का स्वागत करते हुए आईएनएसएच के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर बी.एम. दीक्षित एवं आईएफबीइसी के को-फाउंडर विनीत पारिख ने कहा कि उद्योग और शोध के बीच की दूरी को पाटना सतत विकास का आधार है। यह सम्मेलन हमें तकनीकी नवाचारों को व्यावसायिक समाधानों में बदलने और भविष्य को मजबूत करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने आगे कहा कि सस्टेनेबल इन्नोवेशन के लिए शोध और उद्योग का सहयोग अपरिहार्य है। यह सम्मेलन नई संभावनाओं को उजागर करने और एक टिकाऊ भविष्य के लिए ठोस रणनीतियाँ बनाने का माध्यम बनेगा।
‘सस्टेनेबल इन्नोवेशन: ब्रिजिंग रिसर्च एंड इंडस्ट्री फॉर ए रेसिलिएंट फ्यूचर’ विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन के तीन सामानांतर तकनीकी सत्र में कुल 61 शोध पत्रों का वाचन किया गया। जिसमें सिविल इंजीनियरिंग विभाग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान से 16, प्रबंधन, वाणिज्य और अर्थशास्त्र संस्थान से 16, मीडिया, लॉ और सोशल साइंस से 10, केमिस्ट्री से 11, गणितीय एवं सांख्यिकी विज्ञान संकाय से 8 शोधपत्र शामिल थे।
कार्यक्रम में मुख्यरूप से प्रोफ़ेसर रीतू चंद्रा, प्रोफ़ेसर अपूर्व आनंद व सम्मेलन संयोजक डॉ. अभिषेक सक्सेना, डॉ. वीना सिंह, डॉ. शिल्पा शुक्ल, डॉ. मधु दीक्षित, प्रोफेसर कुलभूषण सिंह, प्रोफेसर कृष्णा श्रीवास्तव, प्रोफेसर आर. एस. बाजपेयी, प्रोफेसर प्राची भार्गव, प्रोफेसर वी. एन. पाठक, प्रोफेसर आर. के. पोरवाल, प्रोफेसर रोहित पी. शबरन, प्रोफेसर ताबिश किदवई, प्रोफेसर बिनीत गुप्ता, डॉ. राजीव कुमार, प्रोफेसर आल्केश अग्रवाल, एस. के. सिंह, पूर्वा वर्मा, नेहा गुप्ता, अरविंद गौर, प्रोफेसर किसलया चौधरी समेत सभी विभागों के हेड एवं डीन डायरेक्टर और देश-विदेश के शिक्षाविद एवं सैकड़ों प्रतिभागी उपस्थिति रहे।