
सातवे तीर्थंकर भगवान 1008 श्री सुपार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक एवं चंदाप्रभू भगवान का ज्ञान कल्याणक पर्व मनाया
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद/सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक एवं चंदा प्रभु भगवान का ज्ञान कल्याणक महोत्सव बुधवार फागुन कृष्ण सप्तमी को नगर में स्थित सुपार्श्वनाथ जिनालय में श्रद्धा-भक्ति पूर्वक मनाया गया।
प्रवक्ता सन्मति काका ने बताया कि महोत्सव की शुरुआत सुपार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में किए गए जिनाभिषेक व जगत कल्याण की कामनार्थ प्रभु चरणो में प्रवाहित की गई शांतिधारा से हुई।
संतोष बाकलीवाल ने बताया की सभी समाज जनों के संयुक्त निर्देशन में मंदिर के मूलनायक भगवान सुपार्श्वनाथ की वेदी के समक्ष अष्ट द्रव्यों से भगवान की भक्ति पूर्वक पूजन की गई। निर्वाण कांड का सामूहिक उच्चारण कर मोक्ष के प्रतीक स्वरूप निर्वाण लड्डू (मोदक) प्रभु चरणों में अर्पण किये। तत्पश्चात भगवान सुपार्श्वनाथ मंडल विधान रचाया गया जिस पर 108अर्घ्य समर्पित किए गए। एवं रात्री में प्रदीप पंचोलिया, पंकज जटाले, प्रशांत चौधरी सहित अनेक भजन गायकों के द्वारा सुमधुर भगवान की आरती भक्ति की गई । निलेश बाकलीवाल शुभम बाकलीवाल ने बताया की
सातवे तीर्थंकर भगवान 1008 श्री सुपार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक पर्व मनाया फागुन कृष्ण सप्तमी को सम्मेद शिखर जी के प्रभास कूट से भगवान ने इस नश्वर काया और इस नश्वर जीवन को त्याग कर योग निरोध धारण करके मोक्ष प्राप्त कर इस जीवन मरण से मुक्ति को प्राप्त किया !
इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित थे।