
सडक रिपेयरिंग कर विभाग ने की इति श्री
जिम्मेदारो पर कार्यवाही हो या कंपनी ब्लैकलिस्टेड हो
रेहटी =लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही कहे या ठेकेदार से अधिकारियों की मिली भगत कहें फिर जो भी हो मामला रेहटी तहसील के कलवाना से इटावा जदीद तक बनी सड़क का है जो 6 माह में दम तोड़ती नजर आ रही है सवाल यह उठता है की जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से क्यों परहेज कर रहे हैं सड़क की दुर्दशा बता रही है कि इस सड़क पर ना तो कोई भारी वाहन का लोड ना होकर केवल छोटे-मोटे वाहन और कृषि उपयोगी वाहन ही इस रोड से निकलते हैं अगर ओवरलोड ट्रक भी निकलते तो इस सड़क की क्या दुर्दशा होती यह बताना लाजिमी है
289.69 लाख की लागत से बनी 4 किलोमीटर लंबी सड़क
इस संबंध में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उनका जवाब है कि आया कि इस पर रिपेयरिंग की जाएगी सवाल यह होता है कि इतनी महंगी सड़क अगर 5 माह में इस स्थिति में है तो यह भ्रष्टाचार किन अधिकारियों और कर्मचारियों के मिली भगत से किया गया उन पर भी कार्यवाही होना चाहिए आखिर इस देश में कब तक इस प्रकार की सड़क के बनने के बाद तुरंत टूटती रहेगी
क्या मिलीभगत से बनी सड़क
सवाल यह उठता है कि लाखों रुपए तनख्वाह लेने वाले अधिकारी अगर एक सड़क ढंग से नहीं बनवा पाए हैं तो उसका जिम्मेदार कौन है इससे यह बात जाहिर होती है कि इसमें कहीं ना कहीं मिली भगत की बू आ रही है अधिकारी ने ना तो अभी तक ठेकेदार पर कोई कार्रवाई की है ना कोई जांच कमेटी बनाई है सवाल इसलिए उठता है कि इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी एवं ठेकेदार पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई होना चाहिए।
खबर प्रकाशित होते ही करवाई गई सड़क की रिपेयरिंग
जैसे ही खबर प्रकाशित होती है तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को निर्देशित कर सडक की रिपेयरिंग के लिए कहा जाता है। ठेकेदार द्वारा भी रिपेयरिंग का कार्य किया जा रहा है लेकिन रिपेयरिंग के कार्य में भी सिर्फ लीपापोती की जा रही है जब रिपेयरिंग ही इस सड़क पर करनी थी तो इस सड़क का निर्माण क्यों कराया गया यह भी समझ से परे है।
क्या कहना है इनका
सडक की रिपेयरिंग का काम कर दिया गया है। सड़क पर जहां पर भी गड्ढे थे उन्हें रिपेयरिंग से सही करवा दिया गया है।
प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव एसडीओ लोक निर्माण विभाग