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एकादशी से माँ नर्मदा जी की पंचचौकी महाआरती का शुभारंभ किया जाएगा – मंत्री श्रीमती संपतिया उइके

पंचचौकी महाआरती में जिले के सभी नागरिक शामिल होंगे - सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते

भारत संवाद न्यूज से- मंडला जिला ब्युरो दिनेश यादव                      

 प्रदेश शासन की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि माँ नर्मदा नदी मंडला जिले के लिए जीवन दायिनी एवं धार्मिक नदी है। माँ नर्मदा नदी के लिए लोगों के मन में गहरी आस्था है। नर्मदा नदी के दर्शन और परिक्रमा के लिए लाखों श्रद्धालु मंडला जिले में आते हैं। नर्मदा नदी मंडला जिले में सबसे लम्बी यात्रा करती है जो कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है। एकादशी के अवसर पर नर्मदा नदी के रपटाघाट (माहिष्मति घाट) से नर्मदा जी की पंचचौकी महाआरती का शुभारंभ किया जाएगा। जिसमें जिले के सभी जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, व्यापारीगण, नागरिकों और पत्रकारगणों की सहभागिता जरूरी है। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके गुरूवार को जिला योजना भवन में आयोजित बैठक में माँ नर्मदा जी की महाआरती करने की तैयारियों की समीक्षा कर रही थी। इस अवसर पर सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संजय कुशराम, नगर पालिका अध्यक्ष श्री विनोद कछवाहा, जनपद पंचायत मंडला अध्यक्ष श्री सोनू भलावी, नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्री अखिलेश कछवाहा, सांसद प्रतिनिधि श्री जयदत्त झा, जिला पंचायत सदस्य सभापति (संचार एवं संकर्म) श्री शैलेष मिश्रा, कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अमित वर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्री ऋषभ जैन, संयुक्त कलेक्टर श्री जेपी यादव, मुख्य नगरपालिका अधिकारी मंडला श्री गजानंद नाफड़े सहित नगरपालिका के पार्षद, अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी, व्यापारीगण, मंदिर समितियों के पदाधिकारी और पत्रकारगण मौजूद थे। समिति के द्वारा सर्वसहमति से प्रस्ताव पास किया गया कि रपटाघाट अब माहिष्मति घाट के नाम से जाना जाएगा। पांच लाख रूपए जमा कर कोई भी नागरिक समिति में स्थाई सदस्य बन सकता है। इक्कईस हजार रूपए जमा करने पर अस्थाई सदस्य बने रहेंगे। सभी सामाजिक संगठनों के अध्यक्ष इस समिति में सदस्य बन सकते हैं। नर्मदा जी की पंचचौकी महाआरती का शुभारंभ एकादशी से प्रारंभ होगी।

मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि धर्म प्रेमियों के द्वारा आग्रह किया गया है कि मंडला जिले में नर्मदा जी की पंचचौकी महाआरती प्रारंभ किया जाए। जैसा कि ग्वारीघाट, महाकालेश्वर उज्जैन, प्रयागराज, अयोध्या, उज्जैन जैसे इत्यादि पवित्र नगरों में किया जा रहा है। महाआरती के लिए साउंड सिस्टम की जाएगी। विभिन्न समितियों का गठन किया जाएगा। स्क्रीन लगाई जाएगी, जिसमें संपूर्ण महाआरती प्रदर्शित होगी। उक्त स्क्रीन में विभिन्न प्रकार के विज्ञापन प्रदर्शित किए जा सकेंगे। कोई भी श्रद्धालु पंचचौकी महाआरती का आयोजन कर सकेगा। इसके लिए उससे विधिवत रूप से शुल्क लिया जाएगा। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने बताया कि पंचचौकी महाआरती स्थल से अतिक्रमण हटाकर दुकानें व्यवस्थित रूप से स्थापित की जाएगी। पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। घाटों का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। सेल्फी प्वाईंट बनाए जाएंगे। नर्मदा नदी के तट पर सीमेंट के सोफे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि देवउठनी एकादशी के दिन से माँ नर्मदा जी की महाआरती प्रारंभ की जाएगी। इस महाआरती में जिले के सभी श्रृद्धालु व नागरिकगण शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि महाआरती रपटाघाट (माहिष्मति घाट) में प्रतिदिन नियमित रूप से संपन्न की जाएगी। महाआरती का समय सर्दी के मौसम में सायंकाल 6:30 बजे और ग्रीष्मकाल में सायंकाल 7:30 बजे होगी।

सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि ट्रस्ट और समिति के द्वारा नर्मदा जी की पंचचौकी महाआरती नियमित रूप से की जाएगी। महाआरती के लिए तैयारी और व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित होगी। महाआरती में जिले के सभी नागरिक एवं समिति के लोग शामिल हो सकेंगे। किसी भी नागरिक के लिए विशेष अवसरों पर महाआरती का खर्चा उठाकर महाआरती कराने की सुविधा रहेगी। उन्होंने कहा कि समिति के द्वारा खर्च की जा रही राशि का आय-व्यय में पारदर्शिता होगी। समिति के सदस्यों की शिकायतों व समस्याओं का निराकरण समिति के मध्य में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा जी की पंचचौकी महाआरती का यह अभियान लगातार जारी रहना चाहिए। परिक्रमावासियों और साधु-संतों के लिए सेवाभाव से काम किया जाएगा। कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा ने बताया कि रपटाघाट (माहिष्मति घाट) में पंचचौकी महाआरती का आयोजन 12 नवंबर से नियमित रूप से प्रारंभ की जाएगी। महाआरती के आयोजन के लिए ट्रस्ट का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी में नहाने वाले व्यक्ति व श्रद्धालुओं को साबुन का उपयोग न करने, कपड़े न धोने तथा पूजन व दूषित सामग्री विसर्जन न करने की समझाईश दी जाएगी। सुरक्षा, पार्किंग एवं प्रकाश का प्रबंध किया जाएगा। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी।

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