
सुमन साहित्य समिति के तत्वावधान मे वाल्मीकि जयंती के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन संपन्न
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद : – संस्था सुमन साहित्य समिति ने वाल्मीकि जयंती पर प्रिंस यशवंत शारदा भवन में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया।काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कवि पं.विष्णुरत्न चतुर्वेदी ने की।मां शारदा की स्तुति कवि डॉ.धन्नालाल चौधरी धवल ने प्रस्तुत की।
शायर जाकिर हुसैन अमि ने कहा – उसको भुला सके क्या ताकत है काल की।
स्तुति राम की लिख के अमर हो गए वाल्मीकि।
कवि श्याम दीक्षित मधुप ने कहा – रत्नाकर, डाकू से बने महर्षि वाल्मीकी महान। जग के प्रथम कवि ने रामायण रचकर दिया योगदान।
सचिव हुकुमचंद कटारिया आदर्श ने कहा – मरा बोल डाकू ग्रंथ की रचना कर पाता है। संसार में पहला कवि कहलाता है।
कवि विजय माहेश्वरी ने कहा – चंदा रोशनी बिखेर कर स्वयं चांदनी से कहता है। हंसी ठिठौली के बीच शरद पूर्णिमा का त्यौहार मनता है।
कवि मंगल प्रसाद साल्वे ने कहा – मुझे न तोड़ो बाग के माली। मैं करता हूं सांसों की रखवाली।
कवि रामचंद्र सिंह गगन मिर्जापुरी, कवि राधेश्याम सिंह, कवि प्रेमलाल बिरला प्रेम ने रचनाएं प्रस्तुत की।
काव्य गोष्ठी का संचालन कवि मंगल प्रसाद साल्वे ने किया।