
शरद पूर्णिमा पर मां जानकी मंदिर करीला धाम में श्रद्धालुओं का जनसैलाब
माता जानकी भक्तों की सभी मनोकामनाएं करती है पूरी, मां के दर्शन करने से संतान की होती है प्राप्ति
विपिन दांगी अशोकनगर
जिले के मां जानकी मंदिर करीला धाम पूरे देश में प्रसिद्ध है। शरद पूर्णिमा के पावन शुभ अवसर पर मां जानकी मंदिर करीला धाम में हजारों श्रद्धालुओ ने मां जानकी के दर्शन कर पूजा अर्चना की! यहां ऐसा भी माना जाता है कि मां जानकी दरबार में रोजिना हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते है ! मां जानकी करीला धाम अशोकनगर जिला मुख्यालय से 35 किमी की दूरी पर है। ऐसी मान्यता है कि माता सीता ने लव और कुश को यहां जन्म दिया था।मान्यता है कि करीला धाम में निसंतान व्यक्ति अपनी मनोकामना लेकर आता है। मनोकामना पूर्ण होने पर मां जानकी के दरबार में राई नृत्य कराता है। लव-कुश के जन्म स्थान के रूप में प्रसिद्ध करीला धाम में रंगपंचमी के मौके पर विशाल मेला लगता है जिसमें l लाखों लोग शामिल होते हैं। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित करीला धाम शरद पूर्णिमा के दिन जानकी मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है. मंदिर में पूजा पाठ के साथ-साथ अनुष्ठान का भी आयोजन किया जा रहा है. मंदिर में दर्शन करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. तो वही मां का आशीर्वाद मिलने से संतान की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा के दिन में इस मंदिर की महत्वता और बढ़ जाती है. इसी स्थान पर हुआ था लव कुश का जन्म ! ऐसा भी माना जाता है की भगवान वाल्मीकि जी के आश्रम में माता सीता जी ने लव कुश को जन्म दिया था ! वैसे तो हजारों मंदिर अपनी महत्वता के लिए जाने जाते हैं. लेकिन, माता का मंदिर बीच पहाड़ी पर बाना हुआ है! मंदिर में प्रवेश करने एक बहुत बड़ा गेट लगा हुआ है ! हर रोज दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. इस मंदिर को मां जानकी के नाम से जाना जाता है ! मां जानकी मंदिर करीला धाम में रंग पंचमी पर एक विशाल मेला का आयोजन होता है
रंग पंचमी के दिन लव कुश का जन्म बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ! लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां जानकी जी के दर्शन करते हैं ! भोपाल से विदिशा अशोकनगर मार्ग की ओर 150 किलो मीटर की दूरी पर स्थिति है मां का दरबार! गुना से 90 किलो मीटर की दूरी पर आथाईखेड़ा से होते हुऐ पहुंचते है मां के दरबार में! वही ग्वालियर झांसी शिवपुरी ललितपुर की ओर से चंदेरी मुंगावली मार्ग से होते हुऐ बंगला चौराहा से 9 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है ! मां जानकी माता मंदिर करीला धाम के नाम से सुप्रसिद्ध है करीलाधाम !