
जयंती_माताजी_ने_अपना_चोला_छोड़_दिया
बड़वाह नगर के सघन वन क्षेत्र में स्थित अति प्राचीन जयंती माता मंदिर में माताजी ने अपना चोला छोड़ दिया है। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में जयंती माता के भक्त मंदिर में पहुंचे। नवरात्री के पर्व के दौरान प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त की आरती के लिए श्रद्धालु मंदिर में आते है। ब्रह्म मुहूर्त की आरती पूजा के पहले पुजारी द्वारा चोला चढ़ाया और दिव्य श्रृंगार किया गया। आरती आरंभ होने के पहले ही अलौकिक घटना घटी और माताजी ने चोला छोड़ दिया।
इसके तुरंत बाद मंदिर के गर्भगृह को बंद किया गया।मां के दर्शन हेतु आए भक्त गण गर्भ गृह में प्रवेश न करते हुए बाहर से ही पूजा आराधना करेंगे।
मंदिर से जुड़े राज परिवार और बड़वाह के पुराने वाशिंदों से प्राप्त जानकारी के अनुसार माताजी अपने सौ सवा सौ वर्ष पूर्व चोला छोड़ा था। पूजारी ने बताया कि माताजी अपने मूल स्वरूप में आ गई है।
मंदिर प्रबंधन से जुड़े भक्तों के निर्णय अनुसार माताजी को विधि विधान से पुनः चोला चढ़ाकर श्रंगारित कर पुनः दर्शन पूजन की व्यवस्था सुचारित की जाएगी।