
MP में भूकंप: झटके लगते ही घरों से बाहर भागे लोग, 4.2 रिक्टर स्केल रही तीव्रता
Betul News: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. धरती के कांपते ही लोग घरों से बाहर भागे. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई. वहीं, भूकंप का केंद्र महाराष्ट्र बताया जा रहा है.
बैतूल में भूकंप के झटके
सोमवार को बैतूल जिले के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप का केंद्र महाराष्ट्र के अचलपुर से 27 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम में था. इस भूकंप का असर बैतूल जिले के भीमपुर और भैंसदेही ब्लॉक में देखा गया.
बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि भूकंप की जानकारी लगते हैं उन्होंने प्रशासनिक अमले को भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भेजा था. प्राथमिक तौर पर हल्के झटके लगने की जानकारी प्रशासन को मिली है. वहीं, भूकंप की सूचना राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को प्रशासन ने दी है. कलेक्टर ने बताया कि भूकंप से किसी तरह की कोई जनहानि या नुकसान नहीं पहुंचा है. भूकंप के सामान्य झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप से किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है
सिवनी में भी आया था भूकंप
सितंबर के महीने में ही मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. कुछ दिनों पहले सिवनी जिले में 33 घंटे में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. गनीमत रही कि भूकंप से कोई जनहानि नहीं हुई.
क्यों आता है भूकंप
धरती की अंदरूनी सतह पर प्लेट्स मौजूद होती हैं. जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. ऐसे में जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं. इस कारण भूकंप आता है. बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं.
जानें भूकंप की तीव्रता के बारे में-
- – 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- – 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- – 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
- – 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- – 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
- – 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.