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गेयटी थिएटर में प्रथम स्थान प्राप्त किया प्रो.रणजोध सिंह की कहानी ‘धर्मराज के दरबार में

नालागढ़ -सतीश जैन

भाषा एवं संस्कृति विभाग शिमला तथा कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट शिमला के सौजन्य से विगत 27-29 सितंबर को शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में बाल रंग-मंच महोत्सव-2 का आयोजन किया गया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के चुनिंदा लेखकों की 15 कहानियों का चयन कर नाटक में परिवर्तित किया गया| इन नाटकों का मंचन हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों द्वारा गेयटी थिएटर शिमला में किया गया| नालागढ़ के सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रोफेसर रणजोध सिंह द्वारा रचित कहानी ‘धर्मराज के दरबार में’, जिसमे मानव को पृथ्वी विनाश का मूल कारण बताया गया है, भी उपयुक्त प्रतियोगिता के लिए चयनित हुई| जिसका नाटकीय मंचन गेयटी थिएटर के गोथिक हॉल में सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला के छात्रों द्वारा किया गया| इस नाटक को बेस्ट परफॉर्मेंस की श्रेणी में प्रथम स्थान दिया गया| बेस्ट डायरेक्टर का पुरूस्कार भी इसी नाटक की डायरेक्टर नीलम ठाकुर को दिया गया| इसके अलावा धर्मराज का किरदार निभाने वाले छात्र शौर्य भरद्वाज को भी पुरस्कृत किया गया| इस कहानी में प्रो.रणजोध सिंह ने बड़े ही सुंदर से ये स्पष्ट कर दिया कि आज की तिथि में पृथ्वी विनाश का मूल कारण कोई और नहीं बल्कि स्वयं मानव ही है| और यदि मानव ने विकास के नाम पर अपनी अनियंत्रित ,इच्छाओं, अन्कशाओं और लालसाओं पर अंकुश नहीं लगाया तो ईश्वर को सृष्टि के रक्षा हेतु कड़े कदम उठाने होंगे जो मानव के लिए काफी कष्टकारी सिद्ध होंगे| इस कहानी के लिए प्रो. सिंह को सुप्रसिद्ध रंग कर्मी तथा अभिनेत्री सोहेला कपूर तथा कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष वंदना भागड़ा द्वारा समानित किया गया, जो नालागढ़ के लिए हर्ष का विषय है|

ज्ञात रहे कि गत वर्ष भी प्रो. रणजोध सिंह की कहाँनी पर आधारित नाटक ‘कैंथ का पेड़’ का मंचन शिमला के गेयटी थिएटर में इसी संस्था द्वारा किया गया था तथा बेस्ट परफॉर्मेंस की श्रेणी में दूसरा स्थान दिया गया था| प्रोफेसर रणजोध सिंह नालागढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार हैं| उनकी अनेकों कहानियाँ, लघु कथाएं, कविताएं, संस्मरण तथा व्यंग्य लेख देश के विभिन्न समाचार पत्रों तथा साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं| टी.वी. तथा अनेक साहित्यिक पटलों पर भी प्रो. सिंह की कविताओं का प्रसारण होता रहता है| साहित्य से सम्बंधित अनेकों प्रतिष्ठित सम्मान भी उनकी झोली में हैं|

नालागढ़ साहित्य कला मंच के अध्यक्ष यादव किशोरे गौतम, सचिव हरिराम धीमान, नरेश घई प्रधान नालागढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन तथा अन्य साहित्यकारों ने प्रो. सिंह को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है था नालागढ़ के लिए गर्व का विषय बताया है|

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