
सुमन साहित्य समिति द्वारा आश्विन मास के पितृपक्ष में काव्य गोष्ठी*
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद : — नगर की प्रतिनिधि साहित्यिक संस्था सुमन साहित्य समिति द्वारा अश्विन मास के पितृपक्ष में स्टेशन मास्टर राधेश्याम सिंह जी के आवास पर काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। काव्य गोष्ठी के प्रारंभ में कवि प्रेमलाल बिरला प्रेम ने मधुर स्वर में मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता संस्था सचिव हुकुमचंद कटारिया आदर्श ने की।संस्थाध्यक्ष कवि डॉ.धन्नालाल चौधरी धवल ने कहा –
तात-मात से बढ़कर नहीं कोई है जग में महान।
जीवन दाता ज्ञान दाता जीव जगत को हैं वरदान।
शायर जाकिर हुसैन अमि ने कहा – हमारी वसीयतें हैं बुजुर्गों की नसीहतें। जिंदगी इसी से नंबर कमा रही है।
विजय माहेश्वरी ने कहा – कांग्रेस, आर जे डी की घटिया मानसिकता जुबां से आग उगलवाती है। सौ बरस की स्वर्गवासी मोदी की मां को गंदी गालियां बकवाती है।
कवि श्याम दीक्षित मधुप ने कहा – माता-पिता के श्री चरणों में सारा जग समाया। सहज भाव से कर लो तर्पण श्राद्ध पक्ष अब आया।
कवि रामचंद्र पगारे ने कहा – बांके बिहारी मुझको देना सहारा। कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा।
कवि मंगल प्रसाद साल्वे ने कहा – जीवन में खिला कमल है बेटी। बागों की बहार है बेटी, चिड़ियों की चहक है बेटी।
स्टेशन मास्टर राधेश्याम सिंह जी, हुकुमचंद कटारिया आदर्श, प्रेमलाल बिरला प्रेम, पंडित विष्णुरत्न चतुर्वेदी ने भी श्राद्ध पक्ष हेतु सुंदर रचनाओं का पाठ किया।काव्य गोष्ठी का सफल संचालन कवि श्याम दीक्षित मधुप ने किया।
काव्य गोष्ठी के अंत में कविवर रामचंद्र गगन मिर्जापुरी जमशेदपुर झारखंड के दिवंगत होने पर मौन रखकर भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।