
बलिया। बेल्थरा रोड में सड़क हादसों में मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, खास तौर पर शहर के किशोर और नौजवानों की लगातार हो रही मौतों से पूरा समाज सदमे में है
अभी सोमवार रात बेल्थरा- नगरा मार्ग पर सड़क दुर्घटना में हुई युवक की मौत से लोग उबरे भी नहीं थे, कि मंगलवार शाम 04 बजे के क़रीब बेल्थरा मधुबन मार्ग पर मौर्या चौक के पास तेज रफ्तार एक्सयूवी-बाईक की टक्कर में बाईक सवार आदित्य कुमार (19) पुत्र योगेन्द्र कुमार की मौक़े पर ही मौत हो गई।
बेल्थरा रोड तहसील के अखोप पट्टी निवासी आदित्य कुमार अपनी मोटरसाइकिल से बेल्थरा से गांव की तरफ किसी काम से आ रहे थे जबकि सामने से मधुबन की ओर से एक एक्सयूवी कार बेल्थरा रोड की और आ रही थी, दोनों गाड़ियों की रफ्तार काफी तेज थी इसी दौरान मौर्या चौक के पास दोनों वाहनों की जबरदस्त टक्कर हो गई, दुर्घटना इतनी भीषण थी कि बाईक के परखच्चे उड़ गए जबकि उस पर सवार आदित्य कुमार ने गले और सर में गंभीर चोट के कारण मौके पर ही दम तोड़ दिया,
हालांकि जांच के लिये उन्हे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेल्थरा रोड पर लाया गया जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मौके पर पहुंची उभांव थाना पुलिस ने दोनों वाहनों को कब्जे में ले कर थाने पर भेज दिया जबकि मृतक छात्र के शव का पंचनामा करके पोस्टमार्टम के लिये बलिया भेजा जा रहा है
फिर उठा हेलमेट और रफ़्तार का ज़िक्र, जानबूझकर खतरा मोल ले रहे लोग
पिछली रात की घटना की ही तरह इस बार भी देखने वालों का यही कहना था कि अगर बाईक सवार ने हेलमेट लगाया होता तो अधिक संभावना थी कि उनकी जान बच गई होती

मृतक आदित्य कुमार दो भाइयों में बड़े थे और वर्तमान में अपने बेहतर भविष्य के उद्देश्य से आईटीआई की पढ़ाई कर रहे थे, इनके पिता का पहले ही स्वर्गवास हो चुका है जबकि मां और मां सफाईकर्मी की नौकरी कर के बच्चों को पढ़ा लिखा रही हैं ऐसे में घर के बड़े बेटे की मौत से न सिर्फ़ परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है बल्कि एक मां के अच्छे भविष्य के सपने भी चकनाचूर हो गये हैं।
हर बार कि तरह सवाल फिर वही हैं कि किसी परिवार के टूटते सपने और उम्मीदों की जिम्मेदारी सिर्फ़ दुर्घटनाओं की है या फिर रफ़्तार का नशा भी लोगों के स्वयं और समाज के लिये आत्मघाती साबित हो रहा है?
कब तक हम सिर्फ प्रशासन और पुलिस से शिकायत करते रहेंगे?
क्या सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना हेलमेट लगाना या रफ्तार को नियंत्रण में करना यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती?