
रिपोर्ट-ब्रजेश पोरवाल
भरथना: कस्वे में वर्ष 1986 में भारतीय रेलवे, तहसील प्रशासन और नगर पालिका परिषद भरथना के अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त सहमति प्रस्ताव पास किया गया था। इस ऐतिहासिक सहमति में यह वादा किया गया था कि रेलवे की सीमा दीवार निर्माण के दौरान स्थानीय नागरिकों के आवागमन हेतु आवश्यक रास्तों की सुविधा दी जाएगी।
यह प्रस्ताव सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि 24 नवंबर 1994 को तत्कालीन मंडल अभियंता उत्तर-मध्य रेलवे इटावा भानुप्रकाश (A.E.N.) द्वारा बाकायदा आदेश जारी कर रेलवे कर्मचारियों के मकान संख्या 29 और 30 के बीच 3 मीटर चौड़ा रास्ता देने की स्वीकृति दी गई थी, ताकि यादव नगर, आदर्श नगर, बाजपेई नगर जैसे मुहल्लों के लोग स्टेशन की ओर सीधे आवागमन कर सकें।
लेकिन दुख की बात यह है कि रेलवे का यह आदेश आज 31 वर्ष बाद भी ज़मीन पर उतर नहीं पाया। वर्ष 2019 में एक बार फिर नागरिकों द्वारा मंडल अभियंता को स्मरण पत्र सौंपा गया, पर कार्यवाही अधूरी रही। वर्तमान में रेलवे की सीमा दीवार का निर्माण कराया जा रहा है जिसमे चिन्हित स्थान को छोड़कर अन्य स्थान पर रास्ता दिया जा रहा है. जिससे आस पास के मोहल्लेवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
अब 31 जुलाई 2025 को नागरिकों ने केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी को एक नया अनुरोध पत्र भेजा है, जिसमें 1994 के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की मांग की गई है। लोगों का कहना है कि इस रास्ते की अनुपलब्धता से न केवल उन्हें लंबा चक्कर लगाना पड़ता है, बल्कि बुजुर्ग, महिलाएं, स्कूली बच्चे और मरीज भी प्रभावित होते हैं।
स्थानीय निवासी सुनील कुमार, कृष्ण मुरारी, अशोक कुमार, जितेन्द्र कुमार और रामदयाल सहित अन्य नागरिकों ने मांग की है कि विभागीय आदेश को बिना देरी के लागू किया जाए।
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