
व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक से मिलकर मंडी सचिव को हटाने की मांग की।
बड़वाह कुलदीप सिंह अरोराभी एक से
व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक से मिलकर मंडी सचिव को हटाने की मांग की।
सनावद / सनावद और बेड़िया के अनाज व्यापारियों ने कृषि उपज मंडी सनावद के सचिव के मनमाने फैसलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मंडी में अनाज की खरीदी बंद कर दी है।इस कारण क्षेत्र के कृषक परेशान हो रहे हैं। सनावद और बेड़िया के अनाज व्यापारी संघों ने किसानों के हित में मंडी सचिव लक्ष्मणसिंह ठाकुर को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग मप्र शासन से की है। इस तारतम्य में व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने विधायक सचिन बिरला से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन का वाचन अनाज दलहन तिलहन व्यापारी एसोसिएशन सनावद के अध्यक्ष प्रेमचंद जैन ने किया। ज्ञापन में कहा गया है कि मंडी सचिव द्वारा नए-नए नियमों का हवाला देकर व्यापार बाधित किया जा रहा है और अनुज्ञप्तिधारक व्यापारी पर नियमों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। मंडी सचिव की कार्यशैली से व्यापारी बुरी तरह त्रस्त हैं। ज्ञापन के अनुसार मंडी सचिव द्वारा मौखिक एवं पत्रों के माध्यम से अवैधानिक नियमों का हवाला देकर व्यापारियों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। इसके विरोध में अनाज,दलहन एवं तिलहन व्यापारी एसोसिएशन सनावद के सभी सदस्यों ने मंडी में अनाज नीलामी प्रक्रिया से स्वयं को अलग कर लिया है।इस कारण अनाज मंडी में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। गायों का वाचन अनाज व्यापारी ज्ञापन में कहा गया है कि मंडी सचिव द्वारा व्यापारियों से मंडी शुल्क प्रदत्त प्रत्येक माल के क्रय एवं विक्रय की बड़े इलेक्ट्रॉनिक कांटे की पर्ची की बार-बार मांगी जाती है और इस बिंदु को मुद्दा बनाकर मंडी सचिव द्वारा व्यापारियों पर पांच गुना मंडी शुल्क थोपा जा रहा है।ज्ञापन में कहा गया है कि सनावद अनाज मंडी क्षेत्र से किसी अनुज्ञप्तिधारक व्यापारी द्वारा क्रय की गई अपनी कृषि उपज का भंडारण कोल्ड स्टोरेज अथवा वेयर हाउस में किया जाता है और व्यापारी इसी कृषि उपज को दूसरे अनुज्ञप्तिधारक व्यापारी को विक्रय कर उसी वेयरहाउस या कोल्ड स्टोरेज में भंडारण के लिए ट्रांसफर लेटर लेता है, तब मंडी सचिव द्वारा पुनः तौल-कांटा पर्ची मांगी जाती है। जबकि दो व्यापारियों के मध्य किए गए उपज की क्रय-विक्रय की प्रक्रिया में कहीं पर भी लोडिंग और अनलोडिंग नहीं हो रही है। ज्ञापन के अनुसार व्यापारी द्वारा क्रय की गई कृषि उपज के भुगतान एवं अन्य जानकारियां ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होने के पश्चात भी मंडी सचिव द्वारा संबंधित व्यापारी से उसके बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट मांगा जाता है।इससे व्यापारी के अकाउंट की सुरक्षा एवं गोपनीयता को भंग हो सकती है। जबकि मंडी अधिनियम में व्यापारी के अकाउंट का बैंक स्टेटमेंट मांगने का कोई प्रावधान नहीं है।
इसके अलावा मंडी सचिव द्वारा सौदा पत्रक एवं अनुबंध पत्रक से क्रय की हुई कृषि उपज को सत्यापित नहीं किया जाता है और इसी को आधार बनाकर व्यापारी के विरुद्ध नियमविरुद्ध कार्यवाही की जाती है। ज्ञापन के अनुसार थर्ड पार्टी मंडी अनुज्ञापत्र के विषय में विक्रेता फर्म से कोई मानवीय भूल होने पर क्रेता फर्म एवं विक्रेता फर्म दोनों ही फर्मों को पांच गुना मंडी शुल्क भरने के लिए मंडी सचिव द्वारा नोटिस जारी किए जाते हैं और नोटिस में कहा जाता है कि पांच गुना मंडी शुल्क नहीं भरने पर व्यापारी का क्रय- विक्रय बंद कर दिया जाएगा।ज्ञापन में कहा गया है कि मंडी सचिव लक्ष्मणसिंह ठाकुर की मनमानी के कारण समस्त व्यापारी मंडी में कृषि उपज खरीदी करने में असमर्थ हैं। विधायक ने व्यापारियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कहा कि मंडी सचिव द्वारा मनमाने फैसले लेकर व्यापारियों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। इस संबंध
में अनाज व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ भोपाल में जल्दी ही मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव,एंदलसिंह कंसाना और मंडी बोर्ड के एमडी कुमार पुरुषोत्तम से मुलाकात की जाएगी और मंडी सचिव के मनमाने फैसलों तथा विवादास्पद कार्यशैली से अवगत कराया जाएगा और मंडी सचिव का जल्दी ही स्थानांतरण करवाया जाएगा।
इस दौरान व्यापारी भागचंद जैन,ताराचंद चाचरिया,नीरज माहेश्वरी,रामप्रकाश चौधरी,गोपालदास माहेश्वरी,विकास जैन,अशोक सावनेर,विनोद जैन आदि उपस्थित थे।