शिव पुराण कथा के चौथे दिन 12 ज्योतिर्लिंग एवं हरिहर मिलन प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन* श्रावण मास में नगर में चल रही पंचदिवसीय शिव पुराण कथा के चौथे दिवस की कथा भक्तिमय वातावरण में श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुई। कथा स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे
एमपी डिप्टी स्टेट हेड जितेंद्र राठौर पहलवान की रिपोर्ट
और “हर हर महादेव” के जयघोषों से पूरा परिसर गूंज उठा।चौथे दिवस की कथा विवरण:
कथा के चौथे दिन हरिहर मिलन प्रसंग को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया गया। कथा वाचक ने बताया कि जब सृष्टि के दो महान तत्व—भगवान विष्णु (हरि) और भगवान शिव (हर)—का मिलन होता है, तब संपूर्ण सृष्टि का कल्याण होता है। इस प्रसंग में हरि और हर के मिलन से जुड़ी आध्यात्मिक गूढ़ता, उनकी पारस्परिक एकता और सनातन धर्म में दोनों के समन्वय को अत्यंत भावनात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया। इस दिव्य मिलन प्रसंग ने श्रोताओं को शांति, समरसता और भक्ति भाव से भर दिया।
12 ज्योतिर्लिंगों का पावन वर्णन:
चौथे दिवस की कथा में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा का भावपूर्ण वर्णन भी किया गया। कथा वाचक ने बताया कि यह 12 ज्योतिर्लिंग न केवल भारत की पवित्र धरोहर हैं, बल्कि शिवभक्तों की श्रद्धा के केंद्र हैं:
सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्र्यम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम् और घृष्णेश्वर।
इन ज्योतिर्लिंगों के नामों के उच्चारण और उनकी पौराणिक महत्ता का वर्णन सुनते हुए श्रद्धालु गदगद हो उठे,जिसमें मुख्य रूप से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के विषय में बताते हुए आचार्य अशोक शर्मा ने कहा कि चंद्रमा का विवाह दक्ष की 27पुत्रियों से हुआ था,परन्तु चंद्रमा सिर्फ रोहिणी से अधिक प्रेम करते थे,बाकी 26 की ओर देखते भी नहीं थे,इस समस्या को लेकर सभी ने अपने पिता दक्ष से शिकायत की, दक्ष ने चंद्रमा को बहुत समझाया लेकिन वो नहीं माने,तब इन 26 रानियों ने चंद्रमा को क्षय होने का श्राप दे दिया,जब चंद्रमा को क्षय रोग हो गया तब चंद्रमा ने महामृत्युंजय जप कर आराधना शुरु की,जिस पर भगवान शिव ने चंद्रमा को एक पक्ष में घटने व दूसरे पक्ष में बढ़ने का वरदान दिया तब से अब तक चंद्रमा अमावस,पूर्णिमा पर घटता- बढ़ता है,सोम को वरदान देने के लिए ज्योतिर्लिंग प्रगट हुआ ज्योतिर्लिंग सोमनाथ कहलाया,
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का वर्णन करते हुए अपने रूठे हुए पुत्र कार्तिकेय को मनाने भगवान शिव एवं माता पार्वती जिस स्थान पर गए थे, बहुत मानने पर भी जब कार्तिकेय ने माता-पिता के साथ आने से मना कर दिया तब भगवान शिव ने उसे स्थान पर ही पुत्र कार्तिकेय के साथ निवास करने का फैसला लिया, इसीलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम मल्लिका याने पार्वती काअर्जुन यानी शिवा का नाम मल्लिकार्जुन हुआ।।
कथा स्थल पर “ओम् नमः शिवाय” और “जय श्री महाकाल” के घोष गूंजने लगे,
कथा के बीच-बीच में प्रस्तुत किए गए भजनों, और हरिहर मिलन की सांकेतिक प्रस्तुति ने सभी श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। झांकी दर्शन के लिए महिलाओं एवं युवाओं में विशेष उत्साह देखा गया।
सायंकालीन भजन के उपरांत विशाल आरती का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने फलियारी खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन कर्ताओं की ओर से सेवा व्यवस्था अत्यंत सराहनीय रही।
कथा में उपस्थित मां कृष्ण धाम आश्रम, सर्राफा व्यापारी एसोसिएशन, होटल व्यापारी एसोसिएशन मेन एवं भाजपा नगर मंडल,विनीत सिंगी मित्र मंडली द्वारा आचार्य अशोक शर्मा व आयोजन करता माखनलाल,दिनेश कुमार एवं धर्मेंद्र सोनी परिवार का स्वागत सम्मान किया गया।।
कल का कार्यक्रम:
कल विराम दिवस पर शिव तांडव, शिव महिमा तथा कथा का समापन प्रसंग प्रस्तुत किया जाएगा। आयोजन समिति ने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं से सहभागिता की अपील की है।इस अवसर पर मोहित भाग्यश्री सोनी, राज रुपाली सोनी, अभिजीत पायल सोनी, नंदिनी सोनी, श्रुति सोनी, रुद्र सोनी, मिराँश सोनी, दिशा सोनी सहित भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश सुराणा, ललित नागौरी, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष अंजनी विशाल चौरसिया, राजेन्द्र जायसवाल, गजेन्द्र टेलर, धनरूपमल जैन, पार्षद तारा कटारिया, पार्षद लता कल्लू मुकाती होटल व्यापारी संघ मेन अध्यक्ष सौरभ शीतल, विधायक प्रतिनिधि उत्थान धरवा, विनीत सिंगी,गोलू सोनी, सुमित मेहता सहित बड़ी संख्या में शिव भक्त मौजूद थे