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खेत में मिले अजगर के 14 अंडे, देखने लगी ग्रामीणों की भीड़, सर्परक्षक समिति ने किया रेस्क्यू*

संवाददाता तिलक राम पटेल

संवाददाता/ तिलक राम पटेल/भारत संवाद टीवी न्यूज़ चैनल /

*खेत में मिले अजगर के 14 अंडे, देखने लगी ग्रामीणों की भीड़, सर्परक्षक समिति ने किया रेस्क्यू*

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पिछले कुछ सालों में सांपो की संख्या बढ़ी है। हर दिन इन्हें पकड़ने के लिए सर्परक्षक समिति के पास रेस्क्यू काॅल भी आते हैं। आज भी एक रेस्क्यू काॅल आया कि खेत में एक बड़ा अजगर है, और वहां उसके अंडे हैं। जब समिति के सदस्य वहां पहुंचे, तो अजगर तो नहीं मिला, लेकिन वहां अजगर के 14 अंडे मिले।

 

सर्परक्षक समिति की टीम के पास दोपहर में कुर्मापाली गांव से श्वेता साव ने रेस्क्यू के लिए काॅल किया था। समिति के अध्यक्ष लोकेश मालाकार समेत उनकी टीम वहां पहुंची। टीम अजगर का रेस्क्यू कर उसे दूर सुरक्षित छोड़ने की सोच रही थी, लेकिन जिस जगह पर उसे देखा गया था, वहां अजगर नहीं मिला। उसके बजाए वहां अजगर के 14 अंडे मिले। सर्परक्षक समिति की टीम ने देखा अंडा पानी में गिला हो रहा है और दो अंडे ज्यादा गिले होकर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। ऐसे में तत्काल उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला गया।

 

ग्रामीणों की भीड़ लगी

 

अजगर के अंडो को देखने के लिए गांव के काफी लोग इक्ट्ठा हो चुके थे। टीम के साथ कुर्मापाली क्षेत्र के बीटगार्ड भी मौजूद थे। इसके बाद उन्हें सुरक्षित इंदिरा विहार लाया गया। जहां उसे सुरक्षित पैरा में रखा गया।

 

 

सर्परक्षक समिति की टीम द्वारा अजगर के अंडो को बल्ब के नीचे रखने कहा गया और इंदिरा विहार वनकर्मियों की निगरानी में दिया गया। जिसे लगातार सर्परक्षक समिति के सदस्य देखने के लिए पहुंचेंगे और जब उसमें से अजगर के बच्चे निकलेंगे तो उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा।

 

सर्परक्षक समिति के अध्यक्ष ने बताया कि 50 से 90 दिन में अजगर के अंडो से बच्चे बाहर निकलते हैं। अभी जो अंडा मिला है, वह करीब 15-20 दिन के भीतर का है। उन्होंने बताया कि अजगर के कई प्राजाति होते हैं और हमारे क्षेत्र में पाए जाने वाले अजगर समान्य रूप से 12 से 20 तक अंडे देते हैं। वैसे अजगर की और बहुत सी प्राजाति है जो 100 तक अंडे दे सकते हैं।

 

इंदिरा विहार प्रभारी भूषण जांगड़े ने बताया कि सर्परक्षक समिति के टीम ने अजगर का अंडा लाया था। जिसे यहां एक कमरे में पैरा में रखा गया है। इसके लिए 100 वाॅट का बल्ब भी लगाया जा रहा है। ताकि निश्चित तापमान उन्हें मिल सके।

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