
ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस (‘एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग’) के अवसर पर विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग द्वारा रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ तथा विवेकानन्द पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ से जुड़े हुए विवेकानन्द कॉलेज ऑफ नर्सिग तथा विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक स्कूल ऑफ नर्सिग के प्रांगण में नर्सिग विभाग की छात्राओं को प्रातः 6ः30 से 8ः30 बजे तक आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी सामान्य योग अभ्यासक्रम (कॉमन योगा प्रोटोकोल) के साथ कराया गया।
योग दिवस का समापन रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ जिसमें 293 लोगो ने प्रतिभाग किया तथा विवेकानन्द कॉलेज ऑफ नर्सिग तथा विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक स्कूल ऑफ नर्सिग में 403 छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग लिया। कुल 696 लोगो ने भाग लिया।
रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने अपने उदबोधन भाषण में कहा कि योग शरीर, मन और आत्मा तीनों को समन्वित करते हुए ईश्वर प्राप्ति का सफल मार्ग बताया तथा प्राणायाम और ध्यान के द्वारा सकारात्मक ऊर्जा स्रोत से युक्त होकर अपने जीवन के प्रकृत आनंद की उपलब्धि करने का सरल मार्ग पर प्रकाश डाला। यदि रोग होने से पहले ही योग अपने जीवन में उतार लिया जाए तो रोगों से बचा जा सकता है तथा रोग होने के बाद भी यदि योग, प्राणायाम, ध्यान का सहारा ले लिया जाए तो दवाओं के साथ -साथ जल्दी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर स्वामी जी ने समस्त देशवासियों को योग के माध्यम निरोग रहने की शुभकामनाएं दी।
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख दिनेश कुमार मौर्य ने बताया योग तन व मन के बीच सामंजस्य स्थापित करने का ऐसा शाश्वत साधन है, जिसके नियमित अभ्यास से मनुष्य में एक नई आत्म चेतना जाग्रत होती है.