
रामकृष्ण मठ, निराला नगर में शिकागो धर्म संसद की 132वीं वर्षगांठ युवाओं को किया सम्बोधित
लखनऊ संवाददाता अमित चावला.
11 सितम्बर 1893 की विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानन्द जी के वक्तृता के 132वीं वर्षगांठ की स्मृति में श्री रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ के प्रेक्षागृह में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया.
स्वामी विवेकानन्द के वक्तृता के 132वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज ने कहा कि रामकृष्ण मिशन की स्थापना करने वाले स्वामी विवेकानन्द ने सन् 1893 को शिकागो में विश्व धर्म संसद प्रसिद्ध भाषण दिया था जिसने दुनिया को भारत के प्रति देखने का नजरिया बदल दिया। उन्होंने भारतीय वेदांत और योग के दर्शन को दुनिया के सामने पेश किया जिसने भारत को दुनिया के आध्यात्मिक मानचित्र पर स्थापित किया। स्वामी विवेकानन्द के अनमोल विचार हमें कभी हार न मानने की प्रेरणा देते हैं।
उद्बोधन कार्यक्रम का शुभारम्भ रामकृष्ण मठ के प्रेक्षागृह में लघु संसद का आयोजन विभिन्न धर्मो से आए प्रतिनिधियों ने द्वीप प्रज्जलित करके किया तथा रामकृष्ण मठ के सन्यासियों एवं ब्रह्मचारियों ने वैदिक मंत्रोंच्चारणों का पाठ किया.
स्वामी विवेकानन्द द्वारा दिये गये शिकागो में दिये गये भाषण का पाठ विवेकानन्द युवा संघ, लखनऊ के श्री विकास पटेल ने सस्वर पाठ किया तथा भाषण का हिन्दी में अनुवादित पाठ विवेकानन्द युवा संघ, लखनऊ के श्री समर नाथ निगम द्वारा सस्वार पाठ किया गया .
इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के प्रबंधकरिणी समिति के अध्यक्ष अमोद गुजराल ने अपने स्वागत भाषण में उन्होंने मंच पर पधारे गणमान्य अतिथियों एवं उपस्थित भक्ततों एवं युवाओं को इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा शिकागो धर्म महासभा में स्वामी विवेकानन्द द्वारा संपूर्ण विश्व को दिए गए संदेश का प्रचार प्रसार करना न केवल आवश्यक है वरन् जीव जगत के कल्याण के लिए जरूरी भी है.
कार्यक्रम में सम्मलित विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा व्याख्यान दिया गया.जिसमें बौध धर्म का प्रतिनिधित्व अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अनुसंधान संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ के अध्यक्ष भिक्षु देवेन्द्र द्वारा तथा लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ के कार्यवाहक प्रधानाचार्य एवं प्रोफेसर एवं प्रमुख जूलॉजी विभाग के डा0 नवीन सैमुअल सिंह ने इसाई धर्म व ई.वाई. गुआम के सहायक प्रबंधक एवं सदस्य ए.आर.सी. (सर्व धर्म सम्मेलन), गुआम चैप्टर के हसन तकी काज़मी ने इस्लाम धर्म का प्रतिनिधित्व किया.
रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने हिन्दुत्व का प्रतिनिधित्व करते हुये बताया कि हिंदू धर्म, दुनिया का सबसे पुराना धर्म माना जाता है.हिंदू धर्म का मूल नाम सनातन धर्म है, जिसका अर्थ है ‘‘शाश्वत धर्म.
समापन गीत रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द द्वारा प्रस्तुत किया गया तथा कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी भक्तगणों के मध्य प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.