
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला मार्गदर्शक गुरू है – स्वामी मुक्तिनाथानन्द
लखनऊ.संवाददाता अमित चावला
लखनऊ.शिक्षक दिवस के अवसर पर विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान व विवेकानन्द कॉलेज ऑफ नर्सिग, लखनऊ में शिक्षक दिवस पैरामेडिकल छात्रों एवं नर्सिग छात्राओं द्वारा डाक्टर व अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थित में मनाया गया.
सर्वप्रथम अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित सेमिनार हॉल व विवेकानन्द कॉलेज ऑफ नर्सिग के स्राइन हॉल में अपने शिक्षकों को सम्मान देने हेतु एक भव्य आयोजन किया कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द द्वारा दीप प्रज्ज्वलित व वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ हुआ.
संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने अपने उद्बोधन भाषण में विद्यार्थियों एवं शिक्षको को संबोधित करते हुए बताया कि शिक्षा विन्रम होकर ही प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने कहा कि शिक्षक सिर्फ एक मार्गदर्शक नहीं, बल्कि एक दोस्त, एक फिलॉसफर और एक प्रेरणा भी होते हैं. वे हमें किताबी ज्ञान से परे, जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाते हैं. जब हम असफल होते हैं, तो वे हमें फिर से उठकर चलने का हौसला देते हैं। जब हम भ्रमित होते हैं, तो वे हमें सही रास्ता दिखाते हैं.
शिक्षक दिवस के अवसर पर स्वामी जी ने बताया कि रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ, हावड़ा के 15वें अध्यक्ष स्वामी आत्मस्थानन्द महाराज डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिष्य थे. वर्षों बाद एक बार किसी काम के सिलसिले में उनकी मुलाक़ात हुई. उन्हें देखकर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन खड़े हो गए. पूज्य महाराज ने सोचा कि राधाकृष्णन अपने पूर्व शिष्य को पहचान ही नहीं पाए होंगे. जैसे ही उन्होंने अपना परिचय देने की कोशिश की, राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें वह अच्छी तरह याद है. पूज्य महाराज ने उनसे पूछा, “तो फिर आप खड़े क्यों हो गए? आप मेरे गुरु हैं, मेरे गुरु हैं।“ राधाकृष्णन ने उत्तर दिया, “जब आप शिष्य थे, तब मैं आपका गुरु था, आपका शिक्षक था. लेकिन आज आप संन्यासी हैं, जगद्गुरु हैं.
उन्होंने गीता में उल्लेखित – गुरू शब्द संस्कृत का शब्द है जिसमे ‘‘गु’’ का अर्थ है अंधकार और ‘‘रू’’ का अर्थ है प्रकाश जिसका तात्पर्य यह है कि अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला मार्गदर्शक। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आप हर किसी से भी सीख सकते है वह भी आपका गुरू हो सकता है.
तत्पश्चात डा0 राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा स्वदेश मंत्र एवं अमृत मंत्र का पाठ किया गया तथा संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द द्वारा केक काटकर औपचारिक रूप से शिक्षक दिवस मनाया गया इतना ही नही कार्यक्रम में उपस्थित संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक एवं अन्य शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को उनके जीवन प्रेरक बाते बतायी गयी.