
आज़ादी के 79 वर्ष बाद भी ग्रामीण सड़क सुविधा से वंचित
बरसात में दलदल से कट जाता है संपर्क, मरीजों और स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ती है मुश्किलें➖ "समाचार सहयोगी➖ प्रशांत जैन, बड़ा मलहरा"
बड़ा मलहरा//क्षेत्र के ग्राम भनगुवां के ग्रामीण आज़ादी के 79 साल बाद भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। ग्रामीणों ने हाल ही में अनुविभागीय अधिकारी आयुष जैन को ज्ञापन सौंपकर गाँव तक पहुँच मार्ग निर्माण की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात में रास्ता दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे पूरे गाँव का संपर्क क्षेत्रीय मुख्य मार्ग से कट जाता है।
*आवागमन से लेकर इलाज तक संकट-*
ग्रामीणों ने बताया कि खराब रास्ते की वजह से बीमारों और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल ले जाना बेहद कठिन हो जाता है। कई बार मरीजों को खटिया और बैलगाड़ी के सहारे ले जाना पड़ा है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है क्योंकि बरसात के दौरान स्कूल तक पहुँचना किसी चुनौती से कम नहीं। किसानों ने कहा कि उनकी उपज और खाद-बीज गाँव तक लाना-ले जाना सबसे बड़ी समस्या है।
*कई बार दिए आवेदन फिर भी सुनवाई नहीं-*
ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से पंचायत, जनपद और जिला स्तर पर सड़क की मांग कर चुके हैं। हाल ही में सौंपे गए ज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि अगर जल्द ही सड़क नहीं बनी तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगे। ज्ञापन में सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की गुहार लगाई है।
*ग्रामीणों के सवाल-*
(1) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बावजूद गाँव तक सड़क क्यों नहीं बनी।
(2) आखिर कब तक ग्रामीणों को दलदल और कीचड़ से जूझना पड़ेगा।
(3) प्रशासन और जनप्रतिनिधि कब जागेंगे।
(4) अब उम्मीद प्रशासन से।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के बिना गाँव का विकास संभव नहीं है। वे चाहते हैं कि इस बार उनकी आवाज़ अनसुनी न हो। ग्रामीणों की नज़र अब कलेक्टर और संबंधित विभाग पर है कि आखिर कब तक उन्हें इस मूलभूत सुविधा का इंतजार करना पड़ेगा।
*पहुंच मार्ग हेतु संघर्ष की एक लंबी दास्तान-*
ग्राम तक पहुंच मार्ग लाने हेतु ग्रामीण पिछले कई दशकों से प्रयासरत हैं।
जिसके लिए कलेक्टर,अनुविभागीय अधिकारी से अन्य उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं।
लेकिन जब कई वर्षों तक उनकी आवाज नहीं सुनी गई तो उन्होंने पिछले चुनाव में रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया।
तब सक्षम अधिकारियों ने चुनाव पश्चात ग्राम तक पक्का पहुंच मार्ग निर्मित करने का आश्वासन दिया।
लेकिन अधिकारियों का वह आश्वासन भी झूठा निकला देखकर आज ग्रामीण अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य को देखते हुए पुन: ग्राम पहुंच मार्ग हेतु कमर कस चुके हैं।
*अनुविभागीय अधिकारी ने दिया जल्द समस्या निराकरण का आश्वासन-*
ग्रामीणों की मौखिक तौर पर समस्या सुनने के पश्चात उन्होंने जल्द ही समस्या निराकरण का आश्वासन दिया।