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वैदिक ब्राह्मणों ने मनाया श्रावणी पर्व दस स्नान, सप्तर्षि पूजन, पंचगव्य प्रासन के साथ हुई क्षमा प्रार्थना
छतरपुर। रक्षाबंधन के अवसर पर वैदिक ब्राह्मणों के साथ अन्य विप्र बन्धुओं ने प्रताप सागर तालाब की चौपाटी में श्रावणी उपाक्रम आयोजित किया। यह पर्व प्रायश्चित के लिए मनाया जाता है। वर्ष भर होने वाले कार्यों के दौरान यदि कोई गलती हो तो ऋषियों, देवों और पितरों से क्षमा प्रार्थना की जाती है। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से इस पर्व पर ब्राह्मणों ने पूजा अर्चना की। स्थानीय चौपाटी में आयोजित श्रावणी के संबंध में पं. शिवदत्त शुक्ल ने बताया कि ब्राह्मणों के लिए यह कर्म अत्यंत आवश्यक होता है। प्रत्येक यज्ञोपवीत धारी ब्राह्मण को यह पर्व मनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यह पर्व प्रायश्चित के लिए मनाया जाता है। वर्ष में यदि कोई गलती हो जाती है तो इसके माध्यम से क्षमा प्रार्थना की जाती है। उन्होंने बताया कि विधि विधान से ऋषियों का पूजन, पंचगव्य ग्रहण करना, 10 वस्तुओं से 10 बार स्नान करना, तर्पण एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नवीन यज्ञोपवीत धारण करना श्रावणी में शामिल है। श्रावणी उपाकर्म में पं. रमेश दीक्षित, प. ओमप्रकाश शर्मा, प.राजकुमार अवस्थी, प.अखिलेश पाठक, प.कमल अवस्थी, प.हरीश मिश्र, प.जितेंद्र मिश्र, प. ओमप्रकाश शर्मा दतिया, प.सुरेंद्र कौशिक, प.जगदीश शुक्ल, प.बृजगोपाल तिवारी सहित अन्य विप्र बन्धु उपस्थित रहे।