
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की अनदेखी: शराब कंपनी खोड़ी से नर्मदा तक बहा रही ज़हर
बड़वाह कुलदीप सिंह अरोरा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की अनदेखी: शराब कंपनी खोड़ी से नर्मदा तक बहा रही ज़हर
जीरो डिस्चार्ज कैटेगरी में होने के बावजूद दूषित जल व जहरीली गीली भूसी से फैल रहा खतरा।
बड़वाह तहसील के ग्राम खोड़ी में स्थित एसोसिएट अल्कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटेड पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ाने के गंभीर आरोप लगे हैं। शराब निर्माण के दौरान निकलने वाले अपशिष्ट जल और DWGS (गीली भूसी) जैसे खतरनाक अवशेष का निस्तारण कंपनी को अपने रिसाइकल प्लांट में करना चाहिए, लेकिन इसके विपरीत खुलेआम यह दूषित जल नालों में छोड़ा जा रहा है और जहरीली भूसी अवैध रूप से बेची जा रही है।
जीरो डिस्चार्ज कैटेगरी, फिर भी गंदा पानी बाहर
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ‘कंसेंट ऑर्डर’ में साफ़ लिखा गया है कि यह कंपनी जीरो डिस्चार्ज कैटेगरी में आती है। यानी शराब उत्पादन के दौरान उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट जल को बाहर छोड़ने की अनुमति नहीं है। उसे कंपनी के भीतर ही बने ट्रीटमेंट प्लांट में रिसाइकल कर पुन: उपयोग में लाना अनिवार्य है।
लेकिन खोड़ी प्लांट से लगातार निकल रहा बदबूदार, काला पानी गाँव के नालों से होते हुए ग्राम नरसिंहपुरा के खेतों को नुकसान पहुँचाता है और अंततः मां नर्मदा नदी को प्रदूषित करता है।
🔲 “कंपनी जीरो डिस्चार्ज कैटेगरी में आने के बावजूद दूषित पानी बाहर बहा रही है। यह पानी खेतों को बर्बाद कर रहा है और नर्मदा नदी में मिलकर करोड़ों लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है।”
— ग्रामीणों का आरोप।
DWGS: दूध उत्पादन के लालच में फैल रहा ज़हर
कंपनी से निकलने वाला एक और खतरनाक अपशिष्ट है — DWGS (Distillery Wet Grain Soluble), जिसे ग्रामीण ‘गीली भूसी’ कहते हैं। इसमें सीधे तौर पर यूरिया मिलाया जाता है। यह पदार्थ आसपास के गाँवों में खुलेआम बेचा जा रहा है। पशुपालक इसे अधिक दूध उत्पादन के लालच में पशुओं को खिला रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह दूषित भूसी दूध की गुणवत्ता को प्रभावित करती है और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सीधा असर डालती है।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में।
इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों को पता होने के बाद भी शराब कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
शराब कंपनी पर अवैध लीज़ का मामला,
इंदौर–इच्छापुर हाईवे को बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट चालू करने की खबर,
NHAI की कार्रवाई में हाईवे का बंद होना,
ग्राम खोड़ी के मुख्य मार्ग पर 10 टन से अधिक भार वाले वाहनों पर रोक,
और अवैध शराब परिवहन —
जैसे कई मामलों में खुलासे हो चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन कंपनी की पूरी करतूत से वाकिफ है लेकिन कार्यवाही से बच रहा है।