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दुग्ध उत्पादकों के हित में निमाड़ दुग्ध संघ का गठन जरूरी

रिपोर्ट सुधीर बैसवार 

सनावद / निमाड़ क्षेत्र के दुग्ध उत्पादक किसानों एवं पशुपालकों के हित में निमाड़ दुग्ध संघ का गठन अत्यंत आवश्यक है। इससे क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। 

य़ह बातें विधायक सचिन बिरला ने गुरुवार को क्षेत्र के दुग्ध उत्पादक एवं पशुपालक किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल से कहीं। विधायक ने कहा कि निमाड़ क्षेत्र में किसानों और पशुपालकों द्वारा बड़े पैमाने पर दुग्ध उत्पादन किया जा रहा है। लेकिन महंगे पशु आहार एवं दुग्ध उत्पादन की लागत में निरंतर वृद्धि के कारण दुग्ध उत्पादकों को दूध के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। विधायक ने कहा कि निमाड़ क्षेत्र के किसानों और दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के हित में निमाड़ दुग्ध संघ के गठन की मांग प्रदेश शासन के समक्ष रखी जाएगी। विधायक ने कहा कि निमाड़ दुग्ध संघ के गठन से निमाड़ क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा,दूध का वाजिब दाम मिलेगा और डेयरी उद्योग के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। 

इस तारतम्य में निमाड़ क्षेत्र के दुग्ध उत्पादक एवं पशुपालक किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने विधायक को ज्ञापन सौंपकर दूध फेट के भाव में वृद्धि करने की मांग की। 

ज्ञापन में कहा गया है कि सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित इंदौर द्वारा क्षेत्र के दुग्ध उत्पादक पशुपालकों और किसानों से सहकारिता के माध्यम से 8.19 पैसे प्रति फेट की दर से दूध खरीदा जा रहा है। जबकि प्रदेश में निजी क्षेत्र की नारायण डेयरी 8.80 पैसे प्रति फेट,मॉडर्न डेयरी 8.70 पैसे प्रति फेट,किसान डेयरी 8.70 पैसे प्रति फेट एवं कंचन डेयरी 8.90 पैसे प्रति फेट की दर से दूध खरीद रही हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि सहकारिता में विश्वास रखने वाले सहकारी दुग्ध संघ से जुड़े पशुपालकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। शासन ने दो वर्ष पूर्व दुग्ध उत्पादकों को 5 रु प्रति किलो बोनस देने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक बोनस का लाभ दुग्ध उत्पादकों को नहीं दिया जा रहा है। जबकि देश के अन्य राज्यों राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों में दुग्ध उत्पादकों को बोनस का लाभ दिया जा रहा है। वर्तमान में पशु आहार चारा,भूसा,खली,दानामहंगा हो गया है, मजदूरी की दरें भी बढ़ गई हैं तथा पशुओं का मूल्य भी लगातार बढ़ रहा है।इन परिस्थितियों में दुग्ध उत्पादन की लागत में भारी वृद्धि हो गई है और दुग्ध उत्पादन करने में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

ज्ञापन में केंद्र और प्रदेश सरकारों से मांग की गई है कि निमाड़ क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों से 9.10 पैसे प्रति फेट कि दर से दूध खरीदा जाए तथा पशु आहार में सब्सिडी दी जाए। दुग्ध उत्पादकों ने कहा कि यदि दूध फेट की दर में वृद्धि नहीं की गई और पशु आहार पर सब्सिडी की व्यवस्था नहीं की गई तो निमाड़ क्षेत्र के दुग्ध उत्पादक किसान और पशुपालक सहकारी दुग्ध संघ को दूध नहीं बेचेंगे। विधायक ने दुग्ध उत्पादक किसानों और पशुपालकों की समस्या को गंभीरता से लिया और आश्वस्त किया कि दूध फेट के भाव में वृद्धि करने तथा निमाड़ दुग्ध संघ के गठन के लिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से मुलाकात करेंगे। 

प्रतिनिधिमंडल में दुग्ध उत्पादक संघ के मोहन कुमरावत,महेश नामदेव,हुकुमचंद पाटीदार,अंकित कुमावत,मुकेश सिंह,विशाल सिंह,दीपक कानापुर,कृष्णा बिजगोन,विजय सिंह आदि शामिल थे।

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