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बहनों पर संकट आए तो सनातनी दीवार बनकर खड़े हो रक्षाबंधन पर्व पर बागेश्वर महाराज ने कहा, बाला जी को समर्पित की राखी
छतरपुर। भाई बहिन के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन के अवसर पर देशभर की वे बहिनें बागेश्वर धाम पहुंचीं जो बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना भाई मानती है। कई महिलाएं उन्हें गुरु के रूप में मानती है लेकिन रक्षाबंधन में वह भी उन्हें राखी बांधकर उनके स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना कर रही है। बागेश्वर महाराज ने कहा कि वैदिक परंपरा से रक्षाबंधन का पर्व सदियों से मनाया जाता रहा है। आज भले ही यह सिर्फ भाई बहन के पवित्र प्रेम का संदेश देता हो लेकिन रक्षा सूत्र के रूप में बांधा गया धागा संबंध को अटूट बनाता है। उन्होंने कहा कि बहनों को भले ही सनातनी भाई उपहार न दे सके लेकिन एक वचन जरूर दें कि बहिन की ओर आंख उठा कर देखने वाले को ऐसा सबक मिले कि वह जीवन भर किसी भी बहिन बेटी की तरफ देखने की हिम्मत न कर सके। बागेश्वर बालाजी को राखी समर्पित करने के बाद धाम में रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत हुई। देश के कोने-कोने से बागेश्वर धाम पहुंची युवतियों और महिलाओं ने बागेश्वर महाराज का तिलक कर उन्हें रक्षा सूत्र बांधते हुए उनके दीर्घायु की कामना की। बागेश्वर महाराज ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि बहिने राखी बांधकर अपने भाई से भले ही उपहार न ले लेकिन एक वचन जरूर लें कि यदि उनके साथ अन्याय अत्याचार होता है और उन पर संकट आता है तो भाई दीवार बनकर खड़ा रहे। उन्होंने कहा कि पुरोहित द्वारा यजमान को रक्षा सूत्र बांधने की प्राचीन परंपरा है। इस रक्षा सूत्र से यजमान की रक्षा होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सनातन धर्म गौरी गोपाल गंगा और गायत्री की रक्षा का वचन लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सनातनियों का न केवल धर्म बल्कि कर्तव्य है कि वह समाज की बेटियों को लव जिहाद जैसे घिनौने कृत्य से बचाएं। महाराज श्री ने राखी बंधवाकर बहनों को उपहार देते हुए सम्मानित किया। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न प्रांतो से युवतियां और महिलाएं बागेश्वर धाम आईं और उन्होंने महाराज श्री को रक्षा सूत्र बांधा। …… पहले हम पर संकट आए देहरादून से महक शर्मा महाराज श्री को सूखे फूलों की राखी बनाकर लाई है। उन्होंने कहा कि राखी बांधकर बालाजी से प्रार्थना की है कि वह महाराज श्री को दीर्घायु करें और उनकी काया निरोगी रहे ताकि वे सबका कल्याण करते रहे। उन्होंने यह भी प्रार्थना की यदि कोई संकट आए तो सबसे पहले महाराज श्री के ऊपर नहीं बल्कि उनके ऊपर संकट आए। कोलकाता से आई डॉ. रोशनी झा ने महाराज श्री को बीजों वाली राखी बांधी ताकि बीजों से पौधे उग सकेंगे। उन्होंने कहा कि उनका कोई भाई नहीं है लेकिन जब से महाराज श्री से मिली है उन्हें भाई के रूप में मिले हैं। वह पिछले दो वर्षों से महाराज श्री को राखी बांध रही है। रीवा की दीक्षा शुक्ला ने राखी बांधकर महराज जी के संकल्प पूर्ण होने की बालाजी से प्रार्थना की।