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शोध कार्य में गुणवत्ता, नवाचार एवं मौलिकता होना चाहिए – डा आनंद तिवारी,सागर

वाणिज्य विभाग में आयोजित हुआ सार्थक व्याख्यान

छतरपुर, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी,छतरपुर के वाणिज्य अध्ययनशाला एवं शोध केंद्र में कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी के मार्गदर्शन में शुक्रवार को एक व्याख्यानमाला आयोजित की गई।व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता डॉ आनंद तिवारी,प्राचार्य,शासकीय कन्या पीजी महाविद्यालय,सागर ने *शोध में गुणवत्ता*  विषय पर सार्थक व्याख्यान दिया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉमर्स की  डीन डॉ प्रभा अग्रवाल ने की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष डा.प्रभा अग्रवाल ने पुष्प गुच्छ एवं शब्द सुमनों  से मुख्य वक्ता डा तिवारी का आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डा एस पी जैन ने मुख्य वक्ता डा तिवारी का परिचय दिया।इस अवसर पर डा बीके अग्रवाल, डा ओपी अरजरिया,डा एस पी जैन,डा अशोक निगम, डा नीतेश मिश्रा सहित अतिथि विद्वानों तथा शोधार्थियों ने भी डा.तिवारी का पुष्प मालाओं से भावभीना स्वागत किया।
व्याख्यानमाला में *शोध की गुणवत्ता विषय* पर अपना उद्बोधन देते हुए डॉ आनंद तिवारी ने कहा कि शोध छात्रों को अपने शोध कार्य की गुणवत्ता,नवाचार और मौलिकता पर विशेष ध्यान देना चाहिए।शोध कार्य ऐसा हो जो समाजोपयोगी भी हो और आपको शिक्षा के क्षेत्र में सहायक हो।शोधार्थी को टेबल वर्क करने के साथ साथ फील्ड में सर्वे कार्य भी प्रमुखता से करना चाहिए।
डा तिवारी ने शोध के लिए अनेक नवीन विषयों पर सिलसिलेवार प्रकाश डालते हुए प्लेग्रिज्म से बचने का प्रयास करना चाहिए।व्याख्यान के बाद शोधार्थियों ने डॉ तिवारी से विषय पर प्रश्न पूछे ,जिसका समाधान बखूबी किया गया।
प्रोफेसर डा बीके अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में छात्र छात्राओं एवं शोधार्थियों को अपनी पढ़ाई  तथा शोधकार्य पूरे मनोयोग से करने की बात कही। अंत में डॉ ओपी अरजरिया ने  मुख्य वक्ता डा तिवारी सहित सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में सभी अतिथि विद्वान,शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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