Uncategorized

मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर विदिशा सोशल वेलफेयर ओर्गानाजेशन ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर

31 जुलाई 2025

ब्यूरो किशोर सिंह राजपूत 9981757273

शाजापुर

मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर विदिशा सोशल वेलफेयर ओर्गानाजेशन की पहल पर शाजापुर में हुए एक कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हितधारक एक साथ आए। मक्सी रेलवे स्टेशन पर हुए इस कार्यक्रम में RPF पुलिस मक्सी थाना प्रभारी विकास सिंह गुर्जर ,श्रम विभाग से श्रम स्पेक्टर रूपकिशोर जी चोहान ,महिला एवं बाल विकास विभाग से पर्वेक्षक श्रीमती मधुबाला परमार एवं श्रीमती निर्मला डावर जी,चाइल्ड लाइन से देवेन्द्र गोठी जी विशेष किशोरे पुलिस इकाई से आरक्षक अमिता सिसोदिया जी और विदिशा सोशल वेलफेयर ओर्गानाजेशन जिला प्रभारी शुभम जोशी एवं राहुल डंडोतिया , रवि मालवीय , देवेन्द्र राजपूत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके।श्रम स्पेक्टर रूपकिशोर जी चोहान जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के बारे में लोंगो को जानकारी दी विदिशा सोशल वेलफेयर ओर्गानाजेशन, देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है और शाजापुर में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। जेआरसी बाल श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।

बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से यह माना कि मौजूदा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है, ताकि मुक्त कराए गए बच्चों के लिए तय समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

विदिशा सोशल वेलफेयर ओर्गानाजेशन ने पिछले वर्ष के दौरान कई बच्चों को बाल श्रम, ट्रैफिकिंग और बाल विवाह से बचाया है। संगठन ने यह रेखांकित किया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग केवल बाल मजदूरी या मुनाफे के लिए यौन शोषण तक ही सीमित नहीं है। बहुत से बच्चे, खास तौर से लड़कियां, जबरन विवाह के लिए भी ट्रैफिकिंग का शिकार बनती हैं। यह एक एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में कम ही चर्चा की जाती है और रोकथाम के उपायों पर भी ज्यादा बात नहीं होती।

बताते चलें कि जुलाई में विदिशा सोशल वेलफेयर ओर्गानाजेशन ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ मिलकर बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर अभियान चलाया। चूंकि ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को दूसरे राज्य ले जाने के लिए रेल मार्ग का उपयोग करते हैं, इसलिए इस अभियान का फोकस यात्रियों, रेल कर्मियों, विक्रेताओं, दुकानदारों और कुलियों को बाल तस्करी के संकेतों की पहचान करने और संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से रिपोर्ट करने के लिए संवेदनशील बनाना था।

बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों के बीच तालमेल व समन्वय की अहमियत और जिला प्रशासन के सहयोग को रेखांकित करते हुए विदिशा सोशल वेलफेयर ओर्गानाजेशन के डाइरेक्टर श्रीमान राम रघुवंशी जी , ने कहा, “अगर बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकना है तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है। बाल दुर्व्यापारियों को जब शीघ्र और सख्त सजा मिलेगी, तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पाएंगे और यह भय ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय साबित होगा। रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए जिले में मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समयबद्ध कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इस तरह से काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन ट्रैफिकिंग गिरोहों के नेटवर्क का भी खात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!