
मंडी सचिव की विवादित कार्यशैली से अनाज व्यापारी त्रस्त मंडी सचिव को नहीं हटाया तो खरीदी बंद करेंगे व्यापारी
बड़वाह कुलदीप सिंह अरोरा
मंडी सचिव की विवादित कार्यशैली से अनाज व्यापारी त्रस्त
मंडी सचिव को नहीं हटाया तो खरीदी बंद करेंगे व्यापारी
सनावद /कृषि उपज मंडी सनावद को मंडी सचिव लक्ष्मणसिंह ठाकुर ने मनमाने और नियम विरुद्ध निर्णय लेकर विवादों का केंद्र बना दिया है। उच्चाधिकारियों को दिग्भ्रमित करने के लिए मंडी सचिव द्वारा करोड़ों के डिफाल्टर गैर लाइसेंसी व्यापारी अखिलेश पटेल द्वारा किसानों के भुगतान के प्रकरण को लेकर कुछ किसानों को बहकाया जा रहा है। जबकि यह मामला मंडी के अधिकार क्षेत्र से बाहर है और इस प्रकरण की जांच पहले से ही प्रशासनिक स्तर पर जारी है। इस प्रकार मंडी सचिव द्वारा किसानों के बीच मतभेद उत्पन्न कर अनाज मंडी को राजनीति का अखाड़ा बनाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
ये बातें कृषि उपज मंडी के लाइसेंसधारी व्यापारियों ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहीं। व्यापारियों ने बताया कि व्यापारियों को अकारण परेशान करने के लिए मंडी सचिव द्वारा अनुज्ञा पत्रों का सत्यापन नहीं किया जा रहा है। इससे व्यापारी अपना माल विक्रय कर बाहर नहीं भेज पा रहे हैं। इस कारण व्यापारियों को बड़ी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है। मंडी सचिव के मनमाने रवैये से अनाज व्यापारियों में रोष गहराता जा रहा है। व्यापारियों ने बताया कि मंडी सचिव के मनमाने और तानाशाहीपूर्ण रवैये के
कारण मंडी का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।इस कारण सनावद कृषि उपज मंडी से जुड़े लगभग ढाई सौ ग्रामों के किसान अपनी उपज के विक्रय हेतु परेशान हो रहे हैं। मंडी का कामकाज बार-बार बाधित होने के कारण मंडी में कार्यरत श्रमिक,हम्माल और तुलावटियों के समक्ष भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
व्यापारियों ने कहा कि गत रविवार को विधायक सचिन बिरला द्वारा बुलाई गई व्यापारियों की बैठक में विधायक ने व्यापारियों को ठोस आश्वासन दिया है कि 20 दिनों के भीतर मंडी सचिव का तबादला कर दिया जाएगा। व्यापारियों ने कहा कि यदि 20 दिवस के भीतर मंडी सचिव का तबादला नहीं किया गया तो व्यापारी पुनः अनिश्चितकाल के लिए नीलामी कार्य बंद कर देंगे। व्यापारियों ने बताया कि गत सोमवार को मंडी कार्यालय में मंडी बोर्ड की उपसंचालक प्रवीणा चौधरी, एसडीएम महोदय सत्यनारायण दर्रो एवं नायब तहसीलदार महोदय प्रवीणसिंह चंगर ने मंडी के लायसेंसधारी अनाज व्यापारियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की। बैठक में अनाज व्यापारियों ने अधिकारियों को मंडी सचिव द्वारा की जा रही मनमानी और अवैधानिक मंडी शुल्क वसूली के प्रमाणों से अवगत कराया।बैठक में व्यापारियों ने सप्रमाण बताया कि मंडी सचिव ने मंडी अधिनियम के विरुद्ध व्यापारियों से 5 गुना अधिक मंडी शुल्क की वसूली की है।इसके अलावा बड़े इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटा पर्चियों का औचित्यहीन आधार बताकर अनाज व्यापारियों से नियमविरुद्ध ढंग से वसूली की गई है। व्यापारियों ने बताया कि उपसंचालक ने मंडी सचिव को निर्देश देकर तत्काल प्रभाव से तौल कांटा पर्ची दिखाने की अनिवार्यता को समाप्त कर दी है और व्यापारियों से बैंक स्टेटमेंट बिना किसी ठोस कारण के मांगे जाने पर भी रोक लगाई है। उपसंचालक ने कहा कि है कि जब तक किसानों के भुगतान संबंधी मामला ना हो व्यापारी से बैंक स्टेटमेंट नहीं मांगा जाए। उपसंचालक ने कहा कि
कोल्ड स्टोरेज एवं वेयरहाउस में भंडारण किए हुए समस्त कृषि जिंसों को ट्रांसफर करने के लिए भी तौल कांटा पर्ची की अनिवार्यता नहीं रहेगी। उपसंचालक ने दो अनाज व्यापारियों के निरस्त किए गए लायसेंस भी बहाल करने के निर्देश मंडी द्वारा गठित जांच दल एवं मंडी सचिव को दिए। उपसंचालक ने अनाज व्यापारियों की समस्या के समाधान हेतु बड़वाह कृषि उपज मंडी के सचिव योगेश बर्वे एवं सनावद मंडी में पदस्थ कर्मचारी कर्मेंद्रसिंह पंवार को अधिकृत किया और निर्देश दिया कि मंडी सचिव द्वारा लिए गए अवैधानिक निर्णयों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।व्यापारियों ने बताया कि उपसंचालक ने निर्देश दिए हैं कि पोर्टल पर दर्ज किए जा चुके किसानों के बिलों एवं अनुज्ञा पत्रों को अविलंब सत्यापित किया जाए एवं सरकार द्वारा जारी ऑनलाइन सौदा पत्रक एप से मंडी के बाहर भी कोई अनाज मंडी का लाइसेंसधारी व्यापारी किसानों की उपज का सही मूल्य देकर माल खरीद सकता है एवं समस्त बिलों को अविलंब सत्यापित करना मंडी प्रशासन की जिम्मेदारी है तथा व्यापारियों से अनावश्यक दस्तावेजों की मांग बिना किसी ठोस कारण के नहीं की जाए। उपसंचालक ने स्पष्ट कहा कि पूर्व में गैर लाइसेंसी अनाज व्यापारी अखिलेश पटेल द्वारा मंडी के बाहर किसानों से क्रय किए गए कृषि जिंसों के भुगतान संबंधी प्रकरण से सनावद कृषि उपज मंडी एवं मंडी बोर्ड का कोई संबंध नहीं है और इस प्रकरण की जांच का कार्य सनावद कृषि उपज मंडी के कार्यक्षेत्र से बाहर है। उपसंचालक ने स्पष्ट किया कि कृषि उपज मंडी का कार्य केवल किसानों की उपज का सुनिश्चित मूल्य निर्धारित समय पर दिलवाना एवं क्रय की गई उपज का एक प्रतिशत मंडी शुल्क समय पर जमा करवाना है। अनाज व्यापारी अपना खरीदा हुआ माल किसी को कहीं भी कभी भी बेच सकते हैं और व्यापारी द्वारा अन्यत्र बेचे गए माल की जानकारी बिना कोई ठोस आधार के मांगने का अधिकार मंडी प्रशासन के कार्यक्षेत्र में नहीं आता है। साथ ही पोर्टल पर दर्ज सत्यापित माल की जावक भी मंडी प्रशासन नहीं रोक सकता।
प्रेस वार्ता में अनाज व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमचंद जैन ,सहसचिव दुलीचंद दीवान , विनोद जैन,ताराचंद चाचारिया,निखिल जाखेटिया,निकेश चांडक,राहुल सोलंकी,कैलाश जैन, नीरज महेश्वरी, राधेश्याम इंगला, अशोक सावनेर, रामप्रकाश चौधरी , सौरभ गर्ग,ऋतिक अग्रवाल,संदीप जायसवाल,विकास जैन,राजेश मित्तल,
प्रदीप पटेल आदि उपस्थित थे ।