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मैं बोलूं आंखन की देखी: पं. पुण्डरीक गोस्वामी

पुण्यक्षेत्र बागेश्वर धाम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शुरू हुई तीन दिवसीय श्री हनुमंत कथा

▶️छतरपुर। करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र, सिद्ध भूमि बागेश्वर धाम में पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्मोत्सव एवं गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शुरू होने वाला महोत्सव श्री हनुमंत कथा से प्रारंभ हुआ। कथा व्यास के रूप में श्री धाम वृंदावन से आए पूज्य पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने कथा प्रारंभ करते हुए कहा कि अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, काशी सहित देश के अन्य तीर्थ और पुण्य क्षेत्र के बारे में ग्रंथों से सुनने का अवसर मिला है लेकिन बागेश्वर धाम तीर्थ को बनते संवरते देखने का अवसर इन आंखों को मिला है।
▶️कथा व्यास ने कबीर दास जी के दोहे का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने लिखा है कि वह बोले कागज की देखी, मैं बोलूं आंखन कि देखी। आज बागेश्वर धाम तीर्थ को बनते और यहां की महिमा को देखने के हम साक्षी बने हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रप्रस्थ और श्री धाम वृंदावन बसाया था। बागेश्वर महाराज इन्हीं दोनों को जोड़ने के लिए नवंबर में यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा में श्वेत वराह भगवान की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। मथुरा में श्वेत वराह भगवान का मंदिर स्थित है। हनुमान जी के पांच मुखो में एक मुख भगवान वराह का है और एक मुख भगवान नृसिंह का है। कथा व्यास ने कहा कि बंधन का अनुभव न होगा तो निवृत्ति का प्रयास नहीं होगा। कामना, वासना देह यह सब बंधन है। आत्मा संसार में गिरती है और महात्मा संसार में अवतरित होते हैं।
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▶️राजपीठ कमजोर पड़ने पर व्यास पीठ संभालती है जिम्मेदारी: बागेश्वर महाराज
गुरु पूर्णिमा महोत्सव के तहत श्री हनुमंत कथा की शुरुआत होने से पहले बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह अत्यंत पावन अवसर है कि व्यास परंपरा के आचार्य पं. पुंडरीक गोस्वामी जी बागेश्वर धाम पधारे हैं। यहां उपस्थित सभी लोगों को तीन दिनों तक श्री हनुमंत कथा श्रवण करने का पावन अवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह भगवान की कृपा है कि हमें सहज ही संतों और विद्वतजनों के दर्शन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब राज पीठ कमजोर पड़ती है तो व्यास पीठ आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाती है। क्योंकि धर्म से राजनीति चलती है राजनीति से धर्म नहीं ।
पहले ही दिन भर गया 50 हजार वर्ग फिट पंडाल
▶️ गुरु पूर्णिमा महोत्सव की औपचारिक शुरुआत बुधवार से हो गई। तीन दिवसीय कथा करने एवं बागेश्वर सरकार को जन्मोत्सव की मंगल कामनाएं देने श्री धाम वृंदावन से पधारे कथा रसिक, वेद पुराण के साधक पूज्य पुंडरीक महाराज जिस स्थल पर कथा सुनाने पहुंचे वह 50 हजार वर्ग फीट पंडाल पहले ही दिन भर गया। लाखों की संख्या में धर्म प्रेमी बागेश्वर धाम में डेरा जमाये है। यहां आने वाले धर्म प्रेमियों की सुविधा की दृष्टि से विशाल पंडाल बनाया गया लेकिन बागेश्वर धाम के पागलों के आगे कितना भी विशाल मैदान हो छोटा पड़ जाता है। भगवान बालाजी की अनुकंपा पाने हर रोज बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी बागेश्वर आ रहे हैं।
➡️ढोल नगाड़ों के साथ हुआ पुंडरीक महाराज का स्वागत
▶️श्री धाम वृंदावन से आए पूज्य कथावाचक पुंडरीक महाराज जैसे ही दोपहर में छतरपुर रेलवे स्टेशन में ट्रेन से उतरे वैसे ही बागेश्वर धाम शिष्य मंडल उनका स्वागत करने पहुंच गया। ढोल नगाड़ों के साथ शिष्य मंडल ने पुष्प वर्षा की। महाराज जी का स्वागत करने के लिए शिष्य मंडल की ओर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। छतरपुर से कार के माध्यम से पुंडरीक गोस्वामी जी पुण्य भूमि बागेश्वर धाम पहुंचे। यहां वे तीन दिनों तक कथा का रसपान कराएंगे।

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