
जुलाई के आखिरी दिव्य दरबार के बाद बागेश्वर महाराज निकले 20 दिवसीय विदेश यात्रा पर लंदन, ओमान, दुबई में जगायेंगे सनातन की अलग, सुनेंगे हनुमंत कथा शाही सवारी में बालाजी, सन्यासी बाबा की चरण पादुकाएं वापस पहुंची मंदिर
छतरपुर। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और पूरी दुनिया में सनातन की अलग जगाने का संकल्प लेने वाले बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री रविवार से 20 दिवसीय विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। शनिवार को जुलाई का आखिरी दिव्य दरबार लगाया गया। उधर गुरु पूर्णिमा महोत्सव के लिए गाजे बाजे के साथ शाही सवारी में मंदिर से लाई गई बालाजी और सन्यासी बाबा की चरण पादुकाओं को पुनः उसी शाही सवारी के साथ वापस मंदिर में पहुंचाया गया। विदेश यात्रा के दौरान हुए लंदन, ओमान और दुबई में सनातन प्रेमियों को हनुमंत कथा सुनाएंगे तथा यहां रह रहे भारतीयों और सनातन के प्रति अच्छा भाव रखने वालों को सनातन से जोड़ने का प्रयास करेंगे।
संतों की तपोभूमि बागेश्वर धाम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का विराम हो गया। बालाजी और सन्यासी बाबा की पादुकाओं को पूरे सम्मान के साथ शाही सवारी में ले जाकर मंदिर में फिर से पहुंचाया गया। शनिवार को दिव्य दरबार लगाया गया जबकि बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार देर रात तक गुरु पूर्णिमा महोत्सव के तहत लाखों लोगों को पादुका पूजन का अवसर मिला और महाराज श्री के दर्शन प्राप्त हुए। बागेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालु अपने लाड़ले संत की एक झलक पाने को व्याकुल दिख रहे थे चाहे कड़ी धूप हो या आसमान से बरस रही बारिश हो, यहां के भक्तों को कोई भी विपरीत मौसम प्रभावित नहीं कर सकता। सनातन के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाले हर परिस्थिति में डटे रहते हैं। महाराष्ट्र सबको आशीर्वाद देते हुए सबसे भोजन, भंडारा आवश्यक रूप से लेने की बात कही। महाराज श्री 14 से 22 जुलाई तक लंदन की धरती में रहेंगे 24 से 28 जुलाई तक ओमान में और 29 से 31 जुलाई तक दुबई में हनुमंत कथा का रसपान कराएंगे। 20 दिवसीय यात्रा के बाद महाराज श्री तीन अगस्त को फिर से अपने वतन लौट आएंगे।
महाराज श्री से प्रभावित होकर बन गया शाकाहारी
हजारों युवाओं के प्रेरणा स्रोत और युवाओं का हृदय परिवर्तन करने वाले बागेश्वर महाराज की बातों का युवाओं में असर स्पष्ट देखा जा सकता है। कल रात बिहार से आया एक युवक जैसे ही महाराज श्री के सामने पहुंचा वैसे ही उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। मौत था लेकिन शायद वह मन ही मन पश्चाताप कर रहा था। महाराज श्री ने से दुलारते हुए मंच पर बुलाया तो महाराज श्री से उसने कहा कि वह आपके समक्ष मांसाहार का त्याग करना चाहता है। महाराज श्री ने उसे आशीर्वाद देते हुए कहा कि अब वह जीवन भर शाकाहारी रहे और ईश्वर का भजन करे। आयुष आनंद नाम के बिहार के युवक को मानो वह सब कुछ मिल गया जिसकी कामना लेकर वह बागेश्वर धाम आया था।