
ग्राम कोड में शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल शिविर का आयोजन हुआ।
डोली की जमीन का शिकायत के बावजूद सरपंच पुत्र के नाम बेचान
रियांबड़ी उपखंड अधिकारी सुरेश के.एम ने शिविर का औचक निरीक्षण किया विभागिय अधिकारियों से रिपोर्ट ली और जरूरी दिशा निर्देश दिये। शिविर में हरियालो राजस्थान अभियान के तहत वृक्षारोपण किया।
उपखंड अधिकारी सुरेश के.एम,सरपंच दौलतराम,उप सरपंच सत्यनारायणसोनी, अधिकारी नंदकिशोर टॉक,विक्रम सिंह खिड़िया के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे,
ग्राम पंचायत कोड के नृसिंह बासनी, ग्राम के एक तथाकथित पुजारी और उसके वारिसान द्वारा डोली के नाम पर दर्ज जमीन को अपने नाम से कराकर उसको टेहला सरपंच को बेचने का मामला प्रकाश में आया है। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शिकायत की लेकिन राजस्व कार्मिकों ने शिकायतों को दरकिनार करते हुए ना सिर्फ डोली की 44 बीघा जमीन की रजिस्ट्री की बल्कि चन्द रूपयों के लालच में रातोंरात म्यूटेशन भी आरोपियों के नाम कर दिया जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त हुआ और सैकड़ों ग्रामीणों ने सम्बल पखवाड़ा शिविर में शिविर प्रभारी उपखंड अधिकारी रियाबड़ी को ज्ञापन सौंपकर कठोर कार्रवाई की मांग की। जवाब में SDM रियाबडी ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर पांच दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने और जांच में दोषी पाए जाने पर राजस्व कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए। ऐसा पहली बार
नहीं है जब मंदिर/डोली की जमीन का बेचान कराकर भू माफिया क्षेत्र में सक्रिय हो रहे हो, इससे पहले भी कई आरोपी दलितों की जमीन का बेचान कराकर करोड़ो की जमीन औने पौने दामों में बेचकर चांदी कूट रहे रहे हैं। यह है मामला
ग्राम नृसिंह बासनी के सैकड़ों ग्रामीणों में दिनेश राणेजा, अशोक कुमार, मुरलीधर, भीमसिंह, नाथूसिंह, विष्णु, नेमाराम, सुगनसिंह, ओमदास, मंजूदेवी, गीमादेवी आदि ने ज्ञापन में बताया कि सन् 2021 से डोली बनाम नौरतदास वगैरह के नाम से सहायक कलक्टर रियांबड़ी, उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायालय रियांबड़ी और राजस्व अपील अधिकारी नागौर में दावा पेश कर इकरारनामा पर हुए राजीनामें के आधार पर ग्राम नृसिंह बासनी की खसरा नम्बर 227,228,229,237, 424 लगायत 428 तक कुल 9 खसरों की करीबन 44 बीघा जमीन को अपने नाम कराने वाले शिवदास और उसके वारिसान राजूराम, नौरतमल और भीकीदेवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
की गई और तब से जमीन पर राजस्व अपील अधिकारी नागौर द्वारा स्थगन आदेश जारी था लेकिन आरोपी टेहला सरपंच धनाराम लांछ निवासी टेहला और इमामुदीन पुत्र सराज निवासी थांवला ने राजस्व कार्मिकों से मिलीभगत कर उस जमीन पर दावा आवेदन के निर्णय होने से पूर्व ही अपने बेटे राकेश लांछ और इमामुदीन के नाम दो दिन पूर्व दिनांक 03 जुलाई को रजिस्ट्री करा ली और दूसरे दिन म्यूटेशन भरा लिया जो सरासर गलत और नियम विरूद्ध है।
साथ ही आरोप लगाया कि आरोपी राजूराम, नौरतमल और भीकीदेवी की नियत का पता लगने और डोली की जमीन का बेचान करने की आशंका के चलते सैकड़ों ग्रामीणों ने शिकायत देकर राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार भैरून्दा, तहसीलदार रियांबड़ी, पटवारी कोड और आरआई आलनियावास को आगाह किया था कि किसी भी सुरत में उक्त खसरों की जमीन का डोली में होने के कारण बेचाननामा, रजिस्ट्री और म्यूटेशन ना भरा जाएं बावजूद इसके डोली की जमीन ना सिर्फ बिकवा दी बल्कि रातों रात म्यूटेशन भी भर दिया जो इनकी मिलीभगत का प्रमाण है।
इस प्रकार की शिकायत ग्राम पंचायत कोड कार्यालय में शनिवार को आयोजित सम्बल पखवाडा शिविर में रियांबड़ी एसडीओ सुरेश के.एम को सौंपकर ग्रामीणों ने कार्मिको और तथाकथित पुजारी के वारिसान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। SDM सुरेश के.एम से बात करने पर ए उन्होने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए है साथ ही कार्मिकों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही कार्मिकों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक
कार्रवाई कीजाएगी।
(सुरेश के.एम, SDM रियांबड़ी)
भारत संवाद/नागौर/मुरलीधर पारीक