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फर्जी अफसर बनकर करोड़ों की ‘डीलिंग’ करने वाले अनिल गुप्ता की बढ़ी रिमांड, बड़े उद्योगपति और अफसर हो सकते हैं बेनकाब

संवाददाता तिलक राम पटेल

फर्जी अफसर बनकर करोड़ों की ‘डीलिंग’ करने वाले अनिल गुप्ता की बढ़ी रिमांड, बड़े उद्योगपति और अफसर हो सकते हैं बेनकाब

तिलक राम पटेल/ भारत संवाद टीवी न्यूज़ चैनल

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में खुद को GST विभाग का अफसर बताकर वर्षों से लाइजनिंग का जाल बुनने वाले अनिल गुप्ता की मुसीबतें और बढ़ती जा रही हैं। CBI ने पूछताछ के लिए उसकी रिमांड तीन दिन और बढ़वा ली है। रविवार को 14 जुलाई को रिमांड अवधि खत्म होने पर आरोपी को विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां CBI ने आगे की जांच के लिए अतिरिक्त समय मांगा। कोर्ट ने 17 जुलाई तक CBI रिमांड को मंजूरी दे दी है।

 

अब आने वाले तीन दिनों तक CBI की सात सदस्यीय टीम अनिल गुप्ता से अलग-अलग पहलुओं पर सघन पूछताछ करेगी। एजेंसी को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान कई बड़े उद्योगपतियों, कारोबारी समूहों और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम उजागर हो सकते हैं, जिन्होंने उसके नेटवर्क का उपयोग कर करोड़ों की टैक्स चोरी को ‘मैनेज’ कराया।

 

‘मिश्रा’ बनकर करता था सेटिंग, अफसरों तक पहुँच – रेड रोको और गाड़ी छुड़ाओ का खेल

सूत्रों के अनुसार, अनिल गुप्ता वर्षों से GST विभाग में एक रसूखदार लाइजनर की भूमिका निभा रहा था। वह खुद को कभी ‘मिश्रा’ बताता था, और GST अधिकारियों व कारोबारियों के बीच पुल का काम करता था। उसका नेटवर्क इतना मजबूत था कि छापेमारी के बाद संबंधित अफसरों से मुलाकात करवाता, रेड को जल्द खत्म करवाता, जब्त वाहनों को छुड़वाता और यहां तक कि बड़े उद्योगपतियों के ठिकानों पर पूरे साल छापे न पड़ें, इसके लिए भी मोटी रकम वसूल करता था। CBI की जांच में सामने आया है कि अनिल गुप्ता यह रकम केवल खुद नहीं रखता था, बल्कि उसे विभाग के वरिष्ठ अफसरों से लेकर निचले कर्मचारियों तक पहुंचाने का भी काम करता था। उसके मोबाइल फोन से कई बड़े अधिकारियों और कारोबारियों की कॉल रिकॉर्डिंग और चैट्स बरामद हुए हैं, जिन्हें CBI ने जब्त कर जांच के दायरे में ले लिया है।

 

CBI के सवालों के घेरे में 47 से अधिक बिंदु, कॉल रिकॉर्डिंग से लेन-देन तक की पड़ताल

सूत्रों के अनुसार, अनिल गुप्ता से CBI कुल 47 से अधिक बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है। इसमें यह जानकारी जुटाई जा रही है कि वह कितने समय से GST अधिकारियों और व्यापारियों के संपर्क में था, किन-किन मामलों में उसने लाइजनिंग की और किन अफसरों या कारोबारियों से करोड़ों का लेन-देन हुआ। CBI कॉल रिकॉर्डिंग में दर्ज आवाज़ों का मिलान भी करवा रही है, ताकि यह पुष्टि हो सके कि बातचीत में शामिल लोग वही हैं जिनके नाम सामने आ रहे हैं। साथ ही, कुछ गोपनीय संपर्क सूत्रों पर भी एजेंसी की नजर है। खबर है कि कई उद्योगपतियों और विभागीय अधिकारियों को पूछताछ के लिए जल्द ही समन भेजा जा सकता है।

 

गिरफ्तारी के बाद अफसरों और कारोबारियों में बेचैनी

अनिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद से ही राजधानी रायपुर सहित प्रदेश भर के व्यापारिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। जिन नामों की कॉल डिटेल और चैट्स CBI के हाथ लगे हैं, उनमें से कई अब जांच के घेरे में आ सकते हैं। माना जा रहा है कि यह मामला छत्तीसगढ़ के हालिया वर्षों के सबसे बड़े टैक्स-लाइजनिंग घोटालों में से एक बन सकता है।

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