Uncategorized

बज्जाहेड़ा में दो वर्षों से चल रहे सुंदरकांड पाठ का भव्य हवन के साथ समापन

6 जुलाई 2025

बज्जाहेड़ा में दो वर्षों से चल रहे सुंदरकांड पाठ का भव्य हवन के साथ समाप

ब्यूरो किशोर सिंह राजपूत शाजापुर

बज्जाहेड़ा दृढ़ संकल्प और अटूट आस्था का प्रतीक बन चुके शाजापुर जिले के समीप स्थित ग्राम बज्जाहेड़ा में आज एक अविस्मरणीय धार्मिक अध्याय का समापन हुआ। गाँव में वर्ष 2022 से प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को अनवरत चल रहे श्री सुंदरकांड पाठ की श्रृंखला आज एक भव्य पूर्णाहुति यज्ञ के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर सभी ग्रामीण जन एकत्रित हुए और इस महायज्ञ के साक्षी बने।
संकल्प से सिद्धि तक का दो वर्षीय सफर
लगभग दो वर्ष पूर्व, ग्रामवासियों ने सामूहिक रूप से गाँव की सुख-समृद्धि, शांति और आरोग्य की कामना के साथ हर मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने का संकल्प लिया था। यह संकल्प केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि गाँव की एकता और सामूहिकता की एक मजबूत नींव बन गया। चाहे कड़ाके की ठंड हो, भीषण गर्मी या मूसलाधार बारिश, ग्रामवासियों की निष्ठा कभी नहीं डिगी। हर सप्ताह नियत दिन और समय पर हनुमान मंदिर का प्रांगण भक्तों से भर जाता था और सुंदरकांड के दोहों और चौपाइयों से वातावरण भक्तिमय हो जाता था। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस आध्यात्मिक यात्रा में अपना अमूल्य योगदान दिया।
पूर्णाहुति पर भक्ति और उल्लास का महासंगम
इस दो वर्षीय साधना के समापन को यादगार बनाने के लिए एक भव्य हवन का आयोजन किया गया। सुबह से ही यज्ञ स्थल पर तैयारियां शुरू हो गई थीं। विद्वान आचार्यों बाबूलाल शर्मा और पंडितों के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ का शुभारंभ हुआ। “जय श्री राम” और “पवनसुत हनुमान की जय” के उद्घोष से संपूर्ण वायुमंडल गुंजायमान हो उठा। वातावरण में हवन सामग्री, घी और कपूर की पवित्र सुगंध व्याप्त थी। सभी श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ कतारबद्ध होकर यज्ञ वेदी में आहुतियाँ समर्पित कीं और भगवान से विश्व कल्याण की प्रार्थना की। इस अवसर पर महिलाओं ने मंगलगीत गाए और भक्तिपूर्ण भजनों की प्रस्तुति ने माहौल को और भी अधिक आध्यात्मिक और ऊर्जावान बना दिया।

यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम न होकर सामाजिक समरसता और एकजुटता का एक सशक्त माध्यम भी साबित हुआ। दो वर्षों तक निरंतर चले इस पाठ ने छोटे-बड़े के भेद को मिटाकर सभी ग्रामवासियों को एक सूत्र में पिरो दिया। ग्ग्रामवासियों ने भावुक होकर कहा, “यह भगवान हनुमान की ही कृपा है कि हम सब मिलकर इस कठिन संकल्प को पूरा कर पाए। इन दो वर्षों में हमारा गाँव एक परिवार की तरह बन गया है।” यह आयोजन आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बनेगा, जो उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़कर रखेगा।
कार्यक्रम का समापन महाआरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। आयोजकों ने इस महायज्ञ को सफल बनाने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी भक्तों और ग्रामवासियों का हृदय से आभार व्यक्त किया। यह समापन एक अंत नहीं, बल्कि गाँव में एक नई आध्यात्मिक चेतना और एकता की शुरुआत का प्रतीक है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!