
लखनऊ. रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ में पंचम बड़ा मंगल बहुत ही उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ रामकृष्ण मन्दिर में मनाया.
कार्यक्रम की शुरूआत प्रातः 4ः30 बजे श्री श्री ठाकुर जी की मंगल आरती से हुई। तत्पश्चात वैदिक मंन्त्रोच्चारण एवं गीता पाठ रामकृष्ण मठ के स्वामी इष्टकृपानन्द द्वारा किया गया।
तत्पश्चात मुख्य मंदिर के सामने श्री हनुमानजी की प्रतिष्ठित मूर्ति पर मालयार्पण, पूजा और आरती के बाद स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया और उपस्थित भक्तगणों के मध्य प्रसाद वितरण किया गया। अदभुद बालिका कुमारी अर्यमा शुक्ला द्वारा बिना कोई लिपि देखे लगातार 5 बार हनुमान सहस्रनाम का पाठ किया गया एवं कुमारी अर्यमा शुक्ला को श्री मां सारदा देवी की प्रसादी साड़ी एवं मिष्ठान आदि उपहार प्रदान करके भक्तगणों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
सायंकाल में भगवान श्री रामकृष्ण की सन्ध्या आरती के पश्चात श्री हनुमानजी की पूजा एवं आरती स्वामी कृष्णपदानन्द तथा हनुमान चालिसा का पाठ स्वामी इष्टकृपानन्द द्वारा की गई।
इस अवसर पर मठाध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने बताया कि ज्येष्ठ मास का पाँचवा और आखिरी बड़ा मंगल बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, इसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। बड़ा मंगल पर हनुमान जी की पूजा सबसे उत्तम मानी गई है. मान्यता है इस दिन बजरंगबली की उपासना, मंत्र जाप और उनके निमित्त दान करने से समस्त कष्ट दूर होते हैं.
तदुपरान्त मठ के अध्यक्ष, स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज द्वारा समापन संगीत भगवान राम के एक भजन -“इतनी विनती रघुनंदन से“ प्रस्तुत की गई इसकी गूँज से मंदिर में आध्यात्मिक परिवेश अनुभूत हुआ।