Uncategorized

पिथौरा में युक्तियुक्तकरण के नाम पर बड़ा खेल, मनचाहे पोस्टिंग के लिए लेन-देन काउंसलिंग का पर्दाफाश

राजा बाबू उपाध्याय महासमुंद छत्तीसगढ़

पिथौरा में युक्तियुक्तकरण के नाम पर बड़ा खेल, मनचाहे पोस्टिंग के लिए लेन-देन काउंसलिंग का पर्दाफाश

कनिष्ठ को वरिष्ठ और वरिष्ठ को कनिष्ठ बनाकर अपने लोगों को फायदा पहुंचाया, नियमों की खुलेआम उड़ा दी गई धज्जियां

महासमुंद -जिले के पिथौरा ब्लॉक में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मिलकर एक साजिशन खेल खेला गया, जिसमें वरिष्ठता की सूचियों में कूट रचना कर अपने चहेतों को मनमर्जी से पदस्थ कर लाभ पहुंचाया गया। मिली जानकारी अनुसार, काउंसलिंग में “पहले आओ, पहले पाओ” की तर्ज पर मोटी रकम लेकर चुनिंदा शिक्षकों को लाभ पहुंचाया गया है

शिक्षकों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि काउंसलिंग प्रक्रिया से पहले वरिष्ठता सूची का प्रकाशन तक नहीं किया गया, न ही दावा-आपत्ति का मौका दिया गया। इसके चलते कई योग्य शिक्षक युक्तियुक्तकरण की सूची में पीछे धकेल दिए गए जबकि कनिष्ठ शिक्षकों को मनमाफिक स्थानों पर पदस्थ कर दिया गया

केस नं 1: वरिष्ठता क्रम 47 वाली शिक्षिका को नजरअंदाज, क्रमांक 69 को पहले बुलाया गया

नवीन प्राथमिक शाला गोपालपुर पारा नं. 10 में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती निलीमा वर्मा (नियुक्ति तिथि 28/02/2009, कार्यभार ग्रहण 03/03/2009) को वरिष्ठता क्रम 47 होने के बावजूद नजरअंदाज कर दिया गया। इसके स्थान पर प्राथमिक शाला किशनपुर में पदस्थ श्रीमती संतोषिनी पंडा (नियुक्ति तिथि 11/08/2010, वरिष्ठता क्रम 69) को पहले बुलाकर मनमानी पदस्थापना दी गई

केस नं 2: वरिष्ठता क्रम 53 वाली शिक्षिका को पीछे कर कनिष्ठ को लाभ

शासकीय प्राथमिक शाला बरतुंगा में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती संगीता ध्रुव (नियुक्ति 30/10/2009, वरिष्ठता क्रम 53) को जानबूझकर पीछे किया गया और क्रमांक 69 वाले शिक्षकों को पहले काउंसलिंग में बुलाकर पोस्टिंग दे दी गई। श्रीमती ध्रुव और श्रीमती निलीमा वर्मा ने इस अनियमितता को लेकर कलेक्टर महासमुंद, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, शिक्षा सचिव, लोक शिक्षण संचालनालय, संभागीय संयुक्त संचालक व जिला शिक्षा अधिकारी तक को आवेदन भेजा है

खामियों की लंबी फेहरिस्त

अतिशेष शिक्षकों की सूची का प्रकाशन नहीं किया गया
दावा-आपत्ति आमंत्रित नहीं की गई
काउंसलिंग के दौरान स्कूलों के रिक्त पद नहीं दिखाए गए
वरिष्ठता सूची में मनमानी बदलाव कर चहेतों को लाभ पहुंचाया गया
काउंसलिंग में चयन की प्रक्रिया पूरी तरह से अपारदर्शी रही

नियमों को दिखाया गया ठेंगा

शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में वरिष्ठता सूची के अनुसार रिक्त स्थानों का विकल्प देकर पारदर्शी काउंसलिंग की जाए, लेकिन पिथौरा में ठीक इसके उलट हुआ। वरिष्ठों को पीछे और कनिष्ठों को आगे कर काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी की गई

शिक्षा की गुणवत्ता की जगह विभागीय खेल

छत्तीसगढ़ सरकार जहां शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में जुटी है, वहीं शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हैं। युक्तियुक्तकरण जैसे गंभीर और संवेदनशील विषय पर इस प्रकार की मनमानी से न केवल योग्य शिक्षक पीड़ित हो रहे हैं बल्कि शैक्षणिक माहौल पर भी विपरीत असर पड़ रहा है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!