
कोंडागांव में अवैध डामर प्लांट पर गरमाई सियासत, पूर्व मंत्री शंकर सोढ़ी ने उठाए प्रशासन पर सवाल
कोंडागांव में अवैध डामर प्लांट पर गरमाई सियासत, पूर्व मंत्री शंकर सोढ़ी ने उठाए प्रशासन पर सवाल
कोण्डागांव। जिला मुख्यालय स्थित नया बस स्टैंड के पीछे वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से संचालित हो रहे डामर प्लांट (हॉट मिक्स प्लांट) को लेकर सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री शंकर सोढ़ी ने इस मामले में भाजपा सरकार, वन मंत्री केदार कश्यप और जिला प्रशासन पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में प्रशासन पूरी तरह निरंकुश हो चुका है और नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को संरक्षण दिया जा रहा है।
पूर्व मंत्री सोढ़ी ने कहा कि यदि कोई आम आदमी जंगल से एक लकड़ी भी काट ले तो फॉरेस्ट विभाग तुरंत पंचनामा बनाकर उस पर कार्रवाई करता है और कई बार जेल भेजने तक की नौबत आ जाती है। वहीं, दूसरी ओर रसूखदारों के लिए नियम कोई मायने नहीं रखते। पूरा डामर प्लांट वन क्षेत्र में लगा दिया गया और संबंधित विभागों की चुप्पी इस ओर इशारा करती है कि कहीं न कहीं उन्हें ऊपर से मौन स्वीकृति मिली हुई है।
उन्होंने बताया कि पहले वन विभाग ने ठेकेदार को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर प्लांट हटाने के निर्देश दिए थे, अन्यथा बेदखली व जप्ती की कार्रवाई की चेतावनी दी थी। लेकिन 10 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, उल्टा डामर प्लांट का संचालन बेखौफ तरीके से शुरू कर दिया गया। जिला प्रशासन और वन विभाग अब आंखें मूंदे बैठे हैं।
शंकर सोढ़ी ने सवाल किया कि क्या वन मंत्री केदार कश्यप की नियम-कायदों पर कोई पकड़ नहीं है? क्या ये नियम सिर्फ गरीब और आम जनता के लिए बनाए गए हैं? उन्होंने कहा कि पर्यावरण विभाग से अनुमति के बगैर इस प्रकार का संचालन दर्शाता है कि जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को किसी का डर नहीं है।
उन्होंने साफ कहा कि वे विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर और जंगल को उजाड़कर किया गया विकास उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने मांग की कि वन मंत्री तत्काल इस मामले में संज्ञान लें और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की मनमानी न कर सके।