
जनपद पंचायत बुढार के ग्राम पंचायत अतरिया में चल रहे स्टाफ डैंप निर्माण कार्य में जमकर खेली जा रही भ्रष्टाचार की होली
ब्रिजेश शर्मा
उप यंत्री और जनपद में बैठे अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदार करा रहे गुणवत्ता विहीन स्टाफ डैम का निर्माण कार्य
शहडोल_ प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य के लिए लाखों रुपए मुहैया करा रही है जिससे ग्रामीण स्तर पर उपयोगी व सभी कार्य हो सके जिसमें ग्रामीणों को सुविधा मुहैया हो सके जिसके तहत पंचायत स्तर पर शासन द्वारा चलाए गए कई योजनाएं जो ग्रामीण हित के लिए कराई जाती है परंतु इस कालाबाजारी के दौर और मिलावट खोरी के इस दौर में हर कोई सिर्फ अपने कमिशन से मतलब रखता है उसे निर्माण कार्य से कोई भी मतलब नहीं रहता फिर चाहे वह किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य क्यों ना हो कारण यह है कि अधिकारी जमीनी स्तर पर मौका मुआयना करने जाते ही नहीं कारण यह है कि समय पर उनका कमीशन उन्हें मिल जाता है। वही बात करें तो शासन द्वारा ग्राम पंचायत को कई लाखों रुपए निर्माण कार्य के लिए दिए जाते हैं। जिससे ग्रामीण स्तर पर अच्छे से अच्छा और गुणवत्ता युक्त निर्माण कार्य हो सके परंतु पंचायत द्वारा ठेकेदारी प्रथा चलाकर उस निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार की होली खेल दी जाती है।
क्या है पूरा मामला
जनपद पंचायत बुढार के ग्राम पंचायत अतरिया में चल रहे स्टाफ डैम निर्माण कार्य में ठेकेदार के द्वारा जमकर घोटाले बाजी की जा रही है बता दें कि करीब 15 लाख रुपए की लागत से स्टाफ डैम का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जहां यह स्टाफ डैम में जमकर भ्रष्टाचार की होली खेली जा रही कारण यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्षेत्र वासियों को इन निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी न होने के कारण मनमौजी तौर पर अपने मन से कोई भी मटेरियल कोई भी सामग्री का उपयोग करके इसका ढांचा खड़ा कर दिया जाता है जो दिखने में तो स्टाफ डैम की तरह ही रहेगा पर अंदर से कितना मजबूत हो सकता है यह तो जांच से पता चलता है। और उसकी गुणवत्ता से महज यह स्टाफ डैम निर्माण कार्य जो कराया जा रहा है साल 2 साल के अंदर ही पूरी तरह से जर्जर हो जाएगा क्योंकि इसमें भी खूब भ्रष्टाचार और मिलावट खोरी की जा रही है।
एस्टीमेट के आधर पर कैसा होना चाहिए स्टाप डैम
स्टाप डैम निर्माण कार्य में महज 1 मीटर की गहराई का बेस फीलिंग किया जाता है। जिससे उसका नींव मजबूत रह सके वही स्टाफ डैम में 10 mm की रोड से लेकर 16MM तक की रॉड का उपयोग करना अनिवार्य है। वहीं यदि मसाले की बात की जाए तो तीन तगाड़ी सीमेंट 6 तगाड़ी रेता वही आठ तगाड़ी गिट्टी का उपयोग किया जाना है वही सबसे मुख्य चीज यह है कि कार्यस्थल पर सूचना पटल होना अनिवार्य है जिससे लोगों को यह जानकारी लग सके कि यह कार्य की लागत कितनी है व उस कार्य का पूरा ब्यौरा हर एक आम व्यक्ति देख सके परंतु क्या यह सब चीज उस स्टाफ डैम में एस्टीमेट के आधार पर कराई जा रही…?नहीं । बता दें कि स्टाफ डैम में 8mm लेकर सिर्फ 10mm तक के रॉड ही उपयोग में लिए जा रहे और स्टाफ डैम की बेस कि यदि बात की जाए तो बेस का कोई भी रता पता नहीं है। सिर्फ गड्ढा खोदकर वहीं से ढांचा तैयार कर दिया गया क्या इसी प्रकार से शासन के पैसों का दुरुपयोग ठेकेदार करते नजर आएंगे या फिर अधिकारियों की अनदेखी से यह घटिया निर्माण कार्य हो रहा है।यह तो जांच होने से पता चलेगा………?
जल्द करेंगे और भी खुलासा
इनका कहना है…
मामले की जानकारी के लिए फोन लगाया गया पर फोन नहीं उठा
(प्रभारी सीईओ मुद्रिका सिंह पटेल जिला पंचायत शहडोल)
जनपद पंचायत बुढार सीईओ को मामले की जनकारी देने के लिए फोन लगाया गया पर फोन नहीं उठा।
राजीव लघाटे जनपद पंचायत बुढार सीईओ