
नगर पालिका परिषद सिवनी के अध्यक्ष शफीक खान को राज्य शासन द्वारा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि शफीक खान सहित संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वित्तीय अनियमितताओं के लिए दोषी पाया गया है।
राजस्व समिति के सभापति हाजी सोहेल पाशा द्वारा लीज में भारी गड़बड़ी को लेकर जिलाधिकारी को शिकायत किए जाने के बाद यह मामला और तूल पकड़ गया। पाशा ने आरोप लगाया था कि करोड़ों रुपये की सरकारी जमीनों को कोड़ियों के भाव पर लीज पर देने के पीछे भ्रष्टाचार है, और इस विरोध के चलते उन्हें सभापति पद से हटाया गया।
सूत्रों के अनुसार, सिवनी नगर पालिका में वर्षों से जमे अधिकारियों द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया जाता रहा, चाहे सरकार किसी भी पार्टी की रही हो। नगरवासियों की शिकायत रही है कि नगरपालिका कांग्रेस के अध्यक्ष के नियंत्रण में होने के बावजूद भाजपा की सरकार होते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही थी। अब राज्य शासन ने मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 4-क के तहत कार्रवाई करते हुए शफीक खान को पद से पृथक कर दिया है।
राज्य शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि शफीक खान से निकाय को हुई आर्थिक हानि की वसूली की जाएगी, और इसके लिए वे संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ समान रूप से उत्तरदायी होंगे।
नगर पालिका परिषद सिवनी में लंबे समय से व्याप्त भ्रष्टाचार के इस मामले को लेकर स्थानीय जनता में शासन की कार्रवाई को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ इसे न्याय की जीत मान रहे हैं ।।