
रफीक और वकास की जुगल जोड़ी से फल फूल रहा अवैध रेत कारोबार दिन के उजालों से लेकर रात के अंधेरों तक बेखौफ होकर करते हैं यह अवैध रेत कारोबार
शहडोल__ जिले में रेत की कालाबाजारी और रेत माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि यह रेत माफिया खुलेआम चोरी का रेत जगह-जगह सप्लाई करते नजर आ रहे हैं। यही नहीं यह रेत कारोबारी हमेशा से इसी प्रकार बेधड़क होकर रेत का कारोबार करते हैं इन्हें ना तो पुलिस का डर है ना ही माइनिंग का रफीक और वक्कास की जुगल जोड़ी की चर्चा क्षेत्र में जोरों शोरों से चल रही है सूत्र बताते हैं कि रफीक और वकास यह दोनों एक ऐसे घनिष्ठ हैं जो प्रशासन से बेखौफ होकर दिलेरी के साथ रेत का कारोबार करते नजर आ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
थाना अमलाई क्षेत्र अंतर्गत यह रेत कारोबारी साबो नदी से रेत का कारोबार करते हैं जहां यह रात के अंधेरे का फायदा उठाकर उन रेत को नदी से निकाल कर इकट्ठा करते हैं। और दिन में उस रेत की सप्लाई आर्डर के हिसाब से करते हैं। इन रेत कारोंबारियों का सिस्टम कुछ इस कदर है कि एक रायल्टी पर्ची से यह पूरे दिन रेत कि सप्लाई करते हैं। वही इस चोरी की रेट की जानकारी जब संबंधित जिम्मेदारों तक पहुंचाई जाती है तो उनके द्वारा कोई भी संतुष्टीजनक कार्रवाई करते नजर नहीं आते हैं कारण यह है कि मैनेजमेंट के आगे सब कुछ नतमस्तक है।
टीपी का क्या है सिस्टम और मैनेजमेंट
सूत्र बताते हैं कि इनका टीपी का मैनेजमेंट कुछ इस प्रकार है कि यह दिन के उजाले में एक गाड़ी की टी,पी कटवा कर और उस गाड़ी में ओवरलोड रेत लोडिंग कर यह खदान से निकलते हैं जिसमें से लोड रेत ट्राली के ऊपर तक भरा रहता है जिसे यह अपने ठीहे पर लाकर ओवरलोड रेत को अपने ठीहे में पलटी मार देते हैं। ट्राली के बराबर कर देते हैं इसी प्रकार से जब धीरे-धीरे करके वह रेत एक ट्राली करीब हो जाती है तब वह टीपी का उपयोग कर उस बिना टीपी वाले रेत को भी साथ में सप्लाई कर देते हैं और यही नहीं इनके ट्रैक्टरों में ना तो कोई नंबर प्लेट है ना ही ट्राली में नंबर कारण यह है कि नियम कानून और कायदों से इन्हें कोई मतलब नहीं इन्हें बस रेत के कारोबार से मतलब है। अभी साल भर पहले ही अवैध रेत कारोबारी ने कई हादसों को अंजाम भी दिया जिसमें एक पटवारी की निर्मम हत्या हुई वहीं चोरी के रेत पकड़ने गए एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई उसके बावजूद भी जिले में यह रेत माफिया का तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा कारण यह है कि साथ गांठ और मिली भगत से यह रेत कारोबार फल फूल रहा।
कौन है यह रफीक और वक्कास
सूत्र बताते हैं कि रफीक और वक्कास दोनों थाना अमलाई क्षेत्र अंतर्गत साबो बस्ती के रहने वाले हैं जो कि आज लंबे अर्शे से रेत का कारोबार करते हैं जबकि जिले में रेत का ठेका होने के बावजूद भी यह बेधड़क होकर रेत का कारोबार करते हैं।….