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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत तत्कालीन जिला फ्लोरोसिस सलाहकार को फर्जी तरीके से नियुक्ति संबद्ध करने

19 मई 2025

ब्यूरो किशोर सिंह राजपूत शाजापुर

उज्जैन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत तत्कालीन जिला फ्लोरोसिस सलाहकार ललित किशोर शर्मा को फर्जी तरीके से नियुक्त करने के संबंध में तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन डॉ. दिलीप नागर एवं ललित किशोर शर्मा (तत्कालीन जिला फ्लोरोसिस सलाहकार उज्जैन वर्तमान शाजापुर) के विरूद्ध जिला उज्जैन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)ए, 13(2) एवंएवं 120 (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 बी), 420 भा.दं.वि के अंतर्गत अपराध दर्ज। शिकायतकर्ता लालसिंह परमार के द्वारा ललित किशोर शर्मा वर्तमान में जिला फ्लोरोसिस सलाहकार सीएमएचओ कार्यालय जिला शाजापुर की नियुक्ति वर्ष 2009 में जिला फ्लोरोसिस सलाहकार सीएमएचओ कार्यालय उज्जैन में डॉ. दिलीप नागर तत्कालीन संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं संभागीय कार्यालय उज्जैन के द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी जिला उज्जैन के कार्यालय के पत्र पर डॉ. के. के. अग्रवाल की पदस्थापना के समय सीएमएचओ की पदमुद्रा पर स्वयं के हस्ताक्षर कर नियुक्ति दी गई थी जबकि जिला फ्लोरोसिस सलाहकार की नियुक्ति के लिये 5 साल का कार्य का अनुभव एवं स्नातकोत्तर में डिग्री होना आवश्यक थी। जबकि ललित किशोर शर्मा के पास 5 साल का कार्यानुभव भी नहीं था साथ ही वांछित स्नातकोत्तर डिग्री नही होकर उक्त पद के लिये वांछित योग्यता नहीं थी, फिर भी फर्जी रूप से षड्यन्त्रपूर्वक नियुक्ति प्राप्त करने के संबंध में पुलिस अधीक्षक श्री अनिल विश्वकर्मा, लोकायुक्त उज्जैन को शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत की जांच निरीक्षक श्री दीपक सेजवार को दी गई थी, जिसकी जांच निरीक्षक श्री सेजवार द्वारा की जाकर, जांच के दौरान ललित किशोर शर्मा ने षड़यंत्र पूर्वक डॉ. दिलीप नागर तत्कालीन संयुक्त संचालक से सांठ गांठ कर शासन के साथ छल करते हुए फर्जी तरीके से नियुक्ति प्राप्त किया जाना प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाये जाने पर आरोपीगण ललित किशोर शर्मा (तत्कालीन जिला फ्लोरोसिस सलाहकार उज्जैन वर्तमान शाजापुर) एवं डॉ. दिलीप नागर (तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन) के विरूद्ध अपराध क्रमांक 90 / 2025 धारा 13 (1)ए 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं 120 (बी), 420 भा.दं.वि. के अंतर्गत अपराध दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है।

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