
20544035 रूपये से अधिक के अवार्ड हुए पारित
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सिवनी/ मुख्य न्यायाधीपति मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी के तत्वावधान में 10.05.2025 को नेशनल लोक अदालत का जिले में आयोजन किया गया। मुख्य न्यायधिपति द्वारा उच्च न्यायालय द्वारा नेशनल लोक अदालत का वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से ई-शुभारंभ किया गया। ई-शुभारंभ कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सतीश चन्द्र राय की अध्यक्षता में जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री रवि कुमार गोल्हानी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्रीमती मनीषा बसेर, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) श्री गालिब रसूल, प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री लक्ष्मण कुमार वर्मा, तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बलवीर सिंह धाकड़, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती कला भम्मरकर, जिला रजिस्ट्रार / न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री विक्रम सिंह डावर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री रवि नायक, अन्य न्यायाधीशगण, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री रवि गोल्हानी उपस्थित रहे। साथ ही उक्त ई-शुभारंभ कार्यक्रम का अवलोकन समस्त तहसील समितियों के न्यायाधीशगणों द्वारा भी किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एव अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों के निराकरण में विशेष प्रयास करने एवं नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने का आहवान किया। प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा नेशनल लोक अदालत आयोजन स्थल एवं पीठों का निरीक्षण भी किया। उक्त नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला मुख्यालय की भाति तहसील विधिक सेवा समित्तियों लखनादौन, घसौर एवं केवलारी में भी न्यायाधीशगणों एवं अधिवक्तागणों की उपस्थिति में किया गया।
नेशनल लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य दाण्डिक, सिविल, चैक अनादरण, वाहन दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, वैवाहिक मामले, विद्युत के लंबित प्रकरणों का आपसी सहमति एवं राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया साथ ही बैंक ऋण वसूली, बी.एस.एन.एल. की बकाया वसूली से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का भी निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु कुल 22 खंडपीठों का गठन किया गया। उक्त 22 खंडपीठों में कुल समझौता योग्य आपराधिक 177 प्रकरण रखे गये, जिनमें 93 प्रकरण निराकृत किये गये एवं 1360000 रूपये राशि का अवार्ड पारित किया गया । धारा 138 चैक बाउन्स के 54 प्रकरण रखे गये, जिनमें 24 प्रकरण निराकृत किये गये,6975885 रूपये की समझौता राशि का आदेश पारित हुआ। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा क 23 प्रकरण रखें गये जिनमें 07 प्रकरण निराकृत हुए एवं रूपये राशि 2928000 का अवार्ड पारित किया गया। अन्य सिविल प्रकरण 28 रखे गये, जिनमें 04 प्रकरणों का निराकरण किया गया। विद्युत अधिनियम के 35 प्रकरण रखें गये, जिनमें 21 प्रकरण निराकृत हुए एवं 453326 रूपये समझौता राशि का आदेश पारित किया गया। पारिवारिक विवाद से संबंधित 56 प्रकरण रेखें गये थे, जिनमें 32 प्रकरण निराकृत हुए। उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण मामलों के 10 रखे गये प्रकरणों में से 03 प्रकरण निराकृत हुये एवं 9088900 रूपये राशि का अवार्ड पारित किया गया एवं अन्य मामलों के रखे गये 77 प्रकरण में से 19 प्रकरण का निराकरण किया गया एवं 3007997 रूपये राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार पूर्व वाद प्रकरणों में बैंक वसूली के 195 प्रकरण रखे गये, जिनमें 63 प्रकरणों में आपसी समझौतें से 3448080 रूपये की राशि का वसूली आदेश पारित किया गया, विद्युत अधिनियम के पूर्व वाद प्रकरण 120 रखें गये जिनमें 72 प्रकरण निराकृत हुए एवं 502000 रूपये की समझौता राशि का आदेश पारित हुआ। नगरपालिका से संबंधित जलकर के 426 प्रकरण रखे गये, जिनमें 61 प्रकरण निराकृत हुए एवं 613228 रूपये की जलकर की राशि 19 प्रकरण निराकृत हुये एवं 1092415 रूपये की वसूली राशि के आदेश पारित किये गये।