
ग्राम केहरपुर के सरपंच सतवंत उलारी ने सभी मजदूर भाईओ को शुभकामनायें संदेश देते हुए कहा।
ब्यूरो रिपोर्ट मण्डला जितेंद्र कुमार भलावी
मण्डला। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (1 मई दिवस) में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उन्हें संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. अंबेडकर ने 27 नवंबर 1942 को भारतीय लेबर सम्मेलन के सातवें सत्र में काम के 14 घंटों को घटाकर 8 घंटे करने के लिए अथक प्रयास किया। डॉ. अंबेडकर ने मजदूरों के अधिकारों, विशेष रूप से हड़ताल के अधिकार की सुरक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने 1938 में एक लाख से अधिक मजदूरों की हड़ताल का नेतृत्व किया था, जो कि हड़ताल के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए थी। डॉ. अंबेडकर ने वायसराय की कार्यकारी परिषद में श्रम मंत्री के रूप में कार्य किया और 1942-1946 के दौरान कई श्रम सुधारों का समर्थन किया, जिनमें 1946 का कारखाना अधिनियम और 1947 का ट्रेड यूनियन अधिनियम शामिल थे।