
भरईपुर में भागवत कथा का समापन, कृष्ण-सुदामा की मित्रता ने भावुक किया जनसमूह
पूर्व ब्लॉक प्रमुख, नगर अध्यक्ष समेत कई गणमान्यजन हुए शामिल, कथावाचक का हुआ सम्मान
नितिन दीक्षित, भारत संवाद, इटावा
इटावा: जनपद की ग्राम पंचायत भरईपुर स्थित पम्मी प्रधान के परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन भव्य एवं भावुक वातावरण में संपन्न हुआ। कथा के अंतिम दिन कथावाचक रविता शास्त्री द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया, जिसमें सुदामा चरित्र ने श्रद्धालुओं को विशेष रूप से भावविभोर कर दिया।
कथा स्थल पर पहुंचे पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप सविता, नगर अध्यक्ष ज्वाला कठेरिया, समाजवादी पार्टी के जिला सचिव पवन सविता, ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष हरिओम सविता नंदवंशी, जिला उपाध्यक्ष आलोक पाल एवं अभिषेक श्रीवास्तव ने मंच पर कथावाचक का पगड़ी पहनाकर एवं परीक्षित जी को भगवान शिव की मूर्ति भेंट कर सम्मानित किया।
कथावाचक रविता शास्त्री ने सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रीकृष्ण की मित्रवत भूमिका को उजागर करते हुए कहा, “जब-जब भक्तों पर विपत्ति आई है, तब-तब प्रभु स्वयं प्रकट होकर उनके उद्धारक बने हैं।” उन्होंने बताया कि कैसे सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर द्वारिका पहुंचे और द्वारपालों द्वारा रोके जाने के बाद भी अपने मित्र कृष्ण से मिल पाए। जब कृष्ण ने सुदामा का नाम सुना तो वह स्वयं द्वार तक दौड़ते हुए आए और सखा को गले लगाकर सिंहासन पर बैठाया।
श्रद्धालु कथा के इस प्रसंग को सुनकर भावुक हो उठे और वातावरण ‘कन्हैया-कन्हैया’ के जयकारों से गूंज उठा।
इस पावन अवसर पर पवन सविता जी ने कहा, “जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक भागवत कथा का श्रवण करता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है।” कथा समापन के अवसर पर क्षेत्रवासियों ने भी आयोजन की शांति एवं भव्यता की सराहना की।