
मंडला।जम्मू -कश्मीर के पहलगाम में दहशतगर्दों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर 28 निर्दोष लोगों के हत्या कर दी। ये घटना मानव समाज के लिए कलंक है। बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ इस घटना की भर्त्सना करता है और दोषियों पर कठोर कार्यवाही की मांग करता है।इस तरह की घटना को अंजाम देना जम्मू-कश्मीर के शांत माहौल को गर्म करना मुख्य मकसद हो सकता है।पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ इस वक्त अवामी एकता बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है, जो जम्मू-कश्मीर में इस वक्त दिखाई दे रही है। शेष भारत के लोगों को भी जम्मू-कश्मीर की अवामी एकता से सबक लेते हुए अपनी सामाजिक एकता बनाये रखना चाहिए। हमें उनके नापाक इरादों को सफल नहीं होने देना है।
आतंकवादियों ने धर्म क्यों पूछा?
ज़ाहिर है कि उनके पाकिस्तानी हैंडलर चाहते थे हिन्दू मुस्लिम का संदेश देना, उन्हें पता था कि इससे भारत में सांप्रदायिक विभाजन और बढ़ेगा।उन्होंने तो उस मुस्लिम घोड़ेवाले को भी नहीं बख्शा जो किसी की जान बचाने की कोशिश कर रहा था।जम्मू-कश्मीर के विपक्ष और अन्य संगठनों ने कश्मीर में आतंकवाद के विरोध और शोक में आज बंद का आह्वान किया है।कश्मीर में इस घटना के बाद दो चीजें सबसे बड़ी है एक जो पाकिस्तान चाहता है कि शेष भारत में तनाव बढ़े उसे नहीं होने देना और दूसरा पाकिस्तान उसके साथ बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह मैसेज की विपक्षी दलों के साथ पूरी जनता भी एकजुट है।
सरकार को भी विपक्ष को विश्वास में लेना चाहिए और आल पार्टी मीटिंग बुलाकर देश में शांति और सद्भाव रहे इसकी अपील करना चाहिए।
बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ जम्मू कश्मीर में सभी दिवंगत हुए लोगों के प्रति सच्ची श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।
मण्डला से इन्द्रमेन मार्को की रिपोर्ट ।