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केन नदी के बारबंद घाट का पुल बनाने ग्रामीणों ने की बैठक

पुल निर्माण से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, 30 गांव का होगा विकास

छतरपुर। जिला मुख्यालय से करीब 120 किमी दूर स्थित केन की तलहटी के गांव बारबंद में पूर्व सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का उद्देश्य था कि शासन-प्रशासन तक अपनी मांग पहुंचाकर बारबंद घाट में केन नदी के ऊपर पुल बनाने के प्रयास किए जाएं। यदि केन नदी में यह पुल बन जाएगा तो आसपास के 30 गांव से अधिक के लोगों को बुनियादी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। रोजगार के अवसर बढऩे के साथ ही इन गांव का विकास हो सकेगा।
जानकारी के मुताबिक बारबंद के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि रामकिशोर मिश्रा ने बताया कि सरवई की दूरी करीब 20 किमी है। यदि कोई बीमार पड़ जाता है और उसको इलाज के लिए सरवई ले जाने की स्थिति बनती है तो काफी मुसीबतें सामने आती हैं। यदि पुल का निर्माण हो जाएगा तो केन के उस पार उत्तरप्रदेश के बांदा जिले का नरैनी नगर है जो तहसील भी है। यहां स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। केवल स्वास्थ्य ही नहीं केन नदी के बारबंद घाट में पुल बनने से यातायात सुगम हो सकेगा और रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे। केन किनारे रहने वाले लोग नदी को अपने रोजगार का माध्यम बनाते हैं। नदी की तलहटी में पैदा होने वाली वस्तुओं को आसानी से बाजार मिल सकेगा। वर्तमान में बांदा एवं नरैनी जाने में करीब 35 से 40 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है यदि नदी में पुल बन जाएगा तो यह दूरी आधी हो जाएगी। इतना ही नहीं पन्ना, सतना, कालींजर, चित्रकूट, अजयगढ़ आदि की यात्रा भी सुगम हो जाएगी। 30 गांव के लोगों ने बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार की है। पुल निर्माण के लिए कई चरणों में आंदोलन किया जाएगा। इसकी शुरूआत ज्ञापन से होगी। क्षेत्र के लोगों को जागरूक कर बड़ा अभियान चलाया जाएगा। बैठक में रामनरेश तिवारी, लाला अवस्थी, गौरीशंकर पाल, लवकेश केवट, जीतेन्द्र मिश्रा, विंदा पाल, सुरेश तिवारी, बृजलाल केवट, कक्का मिश्रा, दयाशंकर सेन, नगवा केवट, छोटा पाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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