
बसना : पार्ट टाइम जॉब के नाम पर 19 लाख 50 हजार की ठगी, साइबर ठगों ने सिंघनपुर के निवासी को इस तरह बनाया शिकार
संवाददाता/तिलक राम पटेल
बसना : पार्ट टाइम जॉब के नाम पर 19 लाख 50 हजार की ठगी, साइबर ठगों ने सिंघनपुर के निवासी को इस तरह बनाया शिकार
महासमुंद जिले में एक बार फिर पार्ट टाइम टॉस्क कम्पलीट जॉब के नाम पर एक व्यक्ति से करीब 19 लाख 50 हजार की ठगी कर ली गई. घटना बसना थाना क्षेत्र की है जहाँ आरोपीयों द्वारा सिंघनपुर के एक निवासी को टेलीग्राम में लिंक के माध्यम से पार्ट टाईम जॉब संबंधित प्रोसेस के बारे में समझाया गया और एक वेबसाइट का इस्तेमाल कर उससे 6 दिन के अंदर करीब 19 लाख 50 हजार की ठगी कर ली गई.
आरोपीयों द्वारा जिस वेबसाईट का इस्तेमाल किया गया है, वह एक स्पैम वेबसाईट है, ऐसी वेबसाईट इंटरनेट पर हैकर या जालसाज लोग, आम लोगों का पैसे चुराने के लिए करते हैं. ये धोखेबाज़ लोग ऐसी नकली वेबसाइट बनाते हैं जो विश्वसनीय लगती हैं और इसमें तरह-तरह के झांसे देकर लोगों को आकर्षित करके उनसे पैसे लुट लेते हैं. यह जाल ऐसा होता है कि लोगों को सही और गलत का कुछ पता नही चलता है, और इसका शिकार होने के बाद आरोपियों के पकड़े जाने और पैसे वापस मिलने की संभावना कम होती है.
बसना थाना क्षेत्र के ग्राम सिंघनपुर के जयंत कुमार से जिस वेबसाईट के माध्यम से ठगी की गई उस वेबसाईट का नाम bestyway-williamsonoma.cocomm बताया गया है जो कि अब इंटरनेट पर उपलब्ध नही है.
स्पैम चेक करने वाली एक वेबसाईट scamadviser.com में इस वेबसाईट की समीक्षा की गई है, अर्थात इस वेबसाईट पर जालसाजी करने वाली वेबसाईट की समीक्षा कर लोगों को उसके अच्छे या बुरे के बारें में बताया जाता है, इस वेबसाईट पर bestyway-williamsonoma.cocomm को विश्वसनीयता के निम्नतम स्तर पर रखा गया है, जिसपर भरोसा नही किया जा सकता है.
सबसे बड़ी बात जो निकलकर सामने आई है इंटरनेट पर इस वेबसाईट के मालिक का नाम पूरी तरह से छिपाया गया है, और यह वेबसाईट काफी नई बताई गई है, हैकर अक्सर एक वेबसाईट का इस्तेमाल 2 से तीन महीने तक करते हैं. इसके बाद फिर से नई वेबसाईट बनाकर लोगों को ठगी करना शुरू कर देते हैं, इससे इन तक पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है. हैकर अक्सर अपनी पहचान छिपाने के लिए प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल करते हैं, इससे उनकी असली पहचान बदलकर कहीं और की पहचान हो जाती है.
हालाकि जो बैंक के खाते नंबर दिए गए हैं उसमे से सभी भारतीय बैंक है, जयंत कुमार ने बताया है कि उसे विभिन्न बैंक के खाता जिसमे आईडीबीआई, फेडरल, बंधन, फिनो बैंक, सीटी युनियन, एचडीएफसी बैंक, ऑफ महाराष्ट्र, और इंडसईन्ड बैंक में राशि भेजने को कहा गया था. अब इस बैंक के खाताधारक की पहचान कर उन तक पहुँच पाना भी पुलिस के लिए एक मुश्किल काम हो जात है.
साइबर आपराधी अक्सर ठगी करने के लिए म्युल खाते का इस्तेमाल करते हैं, म्युल बैंक अकाउंट एक ऐसा खाता होता है, जिससे साइबर ठग पैसा इधर से उधर करने का काम करते हैं, मतलब की कई बार ऐसा भी हो सकता है कि जिस व्यक्ति के नाम पर खाता खोला गया हो उसे पता ही ना हो कि उसके नाम का खाता खोला गया है. इसके बाद यहाँ से इन पैसों को ऐसे गुप्त खाते में भेज दिया जाता है जिसका पता करना कठिन हो जाता है, आरोपियों के पास इन पैसों को आसानी से ले जाने के लिए क्रिप्टोकरंसी जैसे अनगिनत विकल्प होते हैं.
जयंत कैसे हुए ठगी का शिकार.
जयंत कुमार ने बताया कि 10 अप्रैल2025 को दोपहर करीबन 02:03 बजे उसके पास टेलीग्राम में @AnyaRose के नाम से लिखा हुआ पार्टटाईम जॉब के नाम से मैसेज आया जिसपर मोबाईल नंबर नहीं दिख रहा था अक्सर टेलीग्राम में मोबाईल नंबर छिपे रहते हैं, जिसे लेकर इसपर सरकार या कंपनी को किसी तरह का विचार करना चाहिए.
जयंत कुमार ने आगे बताया कि इसके बाद उसे टेलीग्राम आईडी पर वाईस कॉल करने पर लिंक के माध्यम से पार्ट टाईम जॉब संबंधित प्रोसेस के बारे में समझाया गया, और फिर एक लिंक के माध्यम से टेलीग्राम ग्रुप में ज्वॉईन कराया गया. ग्रुप का नाम WILLIAMS Collection – 8033 बताया गया है.
ग्रुप ज्वाईन करने के बाद उनके द्वारा जयंत के नाम से एक आईडी बनाया गया जिसका यूआईडी नंबर 121823 एवं पासवर्ड JKN1992 दिया गया और अज्ञात व्यक्ति के द्वारा एक वेबसाईट का लिंक https://www.bestyway-williamsonoma.com प्रोवाईड कराया गया जो कि स्पैम था.
इसके बाद जयंत यूआईडी नंबर व पासवर्ड के माध्यम से लॉगईन कर उसमें 11,000 बोनस पाईंट की राशि प्राप्त किया, इसके बाद उसे 25-25 की संख्या का दो टॉस्क दिया गया था टॉस्क कम्पलीट करने के बाद आईडी में प्राफिट की राशि जमा हो जाता था उसके बाद प्राफिट की राशि को बैंक खाता में विड्राल करने की सुविधा दी गई थी.
जयंत के द्वारा दो बार विड्राल 10 अप्रैल 2025 को ही 1271 रुपये एवं 11 अप्रैल 2025 को टास्क चालू करने के लिए 11,000 रुपये डिपोजिट करने के बाद टॉस्क कम्पलीट होने पर उसे लाभ मिलाकर कुल 16,300 रुपये विड्राल दिया गया. व इसके बाद 12 अप्रैल 2025 को पुनः टास्क चालू करने के लिए 11,000 रुपये डिपोजिट करने के बाद टॉस्क कम्पलीट होने पर उसे कुल मिलाकर 16,256 रुपये का विड्राल दिया गया. जिसे उसने आईडीबीआई बैंक खाता में विड्राल किया.
इसके बाद 14 अप्रैल 2025 को उनके द्वारा कंपनी की पांचवी एनीवर्सरी में ज्यादा लाभ होने का झांसा देकर प्रोग्राम चलाया गया जिसमें टॉस्क कम्प्लीट करने के लिए उनके द्वारा 1 लाख रुपये की राशि इस तरह कुल 19,47,852 रूपये विभिन्न खाता धारकों के नाम में ले लिए गया और अंत में उनके द्वारा निर्मित प्लेटफार्म लिंक में सिविल स्कोर 100 के स्थान पर 97 होने पर विड्राल अस्वीकार कर एक पीडीएफ लेटर टेलीग्राम मोबाईल नंबर पर उनके फायनेंस कंसल्टेंट के द्वारा जारी कर भेजा गया.
इस तरह जयंत से इंटरनेट पर एक अज्ञात व्यक्ति ने 19 लाख से अधिक रुपये की ठगी कर ली, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध धारा 318(4)-BNS पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है.