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अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में आयोजित राजपूत समाज का 18 वां अखिल भारतीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोज सफलतापूर्वक हुआ

30 अप्रैल 25

ब्यूरो किशोर सिंह राजपूत शाजापुर

 

मां बुमतलाई माता मंदिर, निपानिया डाबी में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में आयोजित राजपूत समाज का 18वां अखिल भारतीय सामूहिक विवाह सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस वर्ष 61 नवयुगल पवित्र बंधन में बंधे और माँ बुमतलाई से सुखी एवं समृद्ध वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया। यह आयोजन न केवल सामाजिक एकता और सद्भाव का प्रतीक है, बल्कि यह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण सहारा है।

सामूहिक विवाह सम्मेलन वर्तमान समय की आवश्यकता है। व्यक्तिगत विवाहों में होने वाले अनावश्यक खर्चों और दिखावे से बचा जा सकता है। आज के समय में, जहाँ महंगाई आसमान छू रही है, एक साधारण परिवार के लिए भी अपनी बेटी या बेटे की शादी करना एक बड़ा आर्थिक बोझ बन जाता है। सामूहिक विवाह सम्मेलन इस बोझ को काफी हद तक कम कर देता है। इसमें विवाह से जुड़े सभी आवश्यक खर्चे, जैसे मंडप, भोजन, सजावट और अन्य व्यवस्थाएं, सामूहिक रूप से साझा किए जाते हैं, जिससे प्रति परिवार खर्च काफी कम हो जाता है।

इसके अतिरिक्त, सामूहिक विवाह सम्मेलन सामाजिक समरसता को बढ़ावा देता है। यह विभिन्न परिवारों को एक साथ आने और एक-दूसरे को जानने का अवसर प्रदान करता है। इससे समाज में एकता और भाईचारे की भावना मजबूत होती है। यह आयोजन दहेज जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ भी एक सशक्त संदेश देता है। सामूहिक विवाह में सभी जोड़े समान रूप से सम्मानित होते हैं और किसी भी प्रकार की आर्थिक मांग या दबाव का कोई स्थान नहीं होता।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का यह प्रयास सराहनीय है कि वे लगातार 18 वर्षों से इस नेक कार्य को सफलतापूर्वक आयोजित कर रहे हैं। यह समाज के अन्य संगठनों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत है कि वे भी अपने-अपने समाजों में इस प्रकार के सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन करें। इससे न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता मिलेगी, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को भी दूर करने में मदद मिलेगी।

समाज के सभी सदस्यों को आगे बढ़कर सामूहिक विवाह सम्मेलनों को प्रोत्साहित करना चाहिए। यह न केवल व्यक्तिगत रूप से आर्थिक बचत का माध्यम है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामूहिक विवाह सम्मेलन एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहाँ सादगी, एकता और सामाजिक जिम्मेदारी को महत्व दिया जाता है। यह समय की मांग है कि हम व्यक्तिगत दिखावे और फिजूलखर्ची से बचें और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दें।

अंततः, माँ बुमतलाई माता मंदिर, निपानिया डाबी में संपन्न हुआ यह 18वां अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का सामूहिक विवाह सम्मेलन एक सफल और प्रेरणादायक आयोजन रहा। यह समाज को यह संदेश देता है कि एकजुट होकर और सामूहिक प्रयासों से हम न केवल आर्थिक रूप से सक्षम बन सकते हैं, बल्कि एक मजबूत और समरसतापूर्ण समाज का निर्माण भी कर सकते हैं। समाज को इस पहल को आगे बढ़ाना चाहिए और अधिक से अधिक परिवारों को सामूहिक विवाह सम्मेलनों में अपने बच्चों का विवाह करने के लिए प्रेरित करना चा

हिए।

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