
आर्यिका संघ का हुआ नगर में मंगल प्रवेश।
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद– संतों की नगरी सनावद में अनवरत साधुओं का निरन्तर आना बड़े सौभाग्य की बात हे आज इसी क्रम में गणाचार्य 108 श्री विरागसागर जी महाराज की सुशिष्या प.पू.आर्यिका 105 श्री विदुषीश्री माताजी ससंघ ( 5 पिच्छी ) का मंगल प्रवेशफ़ मंगलवार 15 अप्रैल 2025 को प्रातकाल सनावद नगर में हुआ। सभी समाजजनों ने खंडवा रोड पर पहुंच कर पूज्य आर्यिका संघ की मंगल अगवानी की आर्यिका संघ ने नगर में प्रवेश के सुपार्श्वनाथ मंदिर एवं श्री पार्श्वनाथ बड़ा मंदिर के दर्शन किए जहा नगर में विराजमान मुनि श्री प्रणेयसागर जी महाराज ससंघ एवं मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज के दर्शन कर उनके पाद प्रक्षालन किया। अगली कड़ी में संत भवन में सर्वप्रथम भगवान महावीर स्वामी के चित्र के समक्ष अरविंद कुमार जैनसत्येंद्र कुमारजैन, हेमचंद पाटोदी के द्वारा दीप प्रजलंन कियागया एवं मुनि श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य चंचला बाई जैन एवं संगीता पाटोदी को प्राप्त हुआ। अगले क्रम में आर्यिका माताजी के द्वारा गुरु पूजन की गई इस अवसर पर आर्यिका विदुषी श्री माताजी ने अपने से संक्षिप्त उद्बबोधन में कहा की जितना भी ही समय आप को मिला उसमें इतना डूब जाना की करोड़ों भव के पाप आप के नष्ट हो जाएं और नष्ट होकर आप एक दिन ऐसा आए की आप गुरुदेव के चरणों में बैठक कर उनकी वंदना पूजा अर्चना कर के एक दिन भगवान बनने की भावना भा लेना। आप का भव पार हो जाएगा। इसी क्रम में मुनि पूज्य सागर जी महाराज ने कहा की जब साधुओं के प्रति हमारा इतना लगाव होना चाहिए साधु के गुणों के प्रति मैत्री का भाव होना चाहिए। क्योंकि हमारी दृष्टि पर निर्भर करता हे की हमने किस दृष्टि से अरिहंत को सिद्ध को साधु को आचार्य को उपाध्याय को देखा हे
अंत में मुनिश्री प्रणेय सागर जी महाराज ने कहा की आज का दिन बहुत ही शुभ हे आज के दिन आप को चतुर्विद संघ के दर्शन हो रहे हे आज यहां मुनिराज,माताजी,श्रावक श्राविकाये उपस्थित है। मुनिश्री ने कहा की अपने भावों की इतनी विशुद्धि रखो की प्रत्येक क्षण इतना भाव विशुद्ध रखो की मेरी गति बदले दुर्गति में ना बदले।।
इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित रहे।
आर्यिका संघ का हुआ मंगल विहार
गणाचार्य 108 श्री विरागसागर जी महाराज की सुशिष्या प.पू.आर्यिका 105 श्री विदुषीश्री माताजी ससंघ ( 5 पिच्छी ) का मंगल विहार शाम को सिद्धवरकूट कि ओर हुआ का रात्री विश्राम भोगांवा में हुआ एवं बुधवार प्रातः मंगल प्रवेश सिद्धवरकूट में होगा।