
9 वर्षीय बालिका ने रामकृष्ण मठ में किया दुर्गा सप्तशतीका धारा प्रवाह पाठ
लखनऊ संवाददाता अमित चावला
रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ द्वारा बसंत नवरात्रि के 6वें दिन (षष्ठी) को लखनऊ की 9 वर्षीय अद्भुत बालिका कुमारी आर्यमा शुक्ला द्वारा बिना कोई लिपि देखे सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती (श्री श्री चंडी) का अखंड पाठ रामकृष्ण मंदिर में किया गया.
ज्ञातव्य हो कि कुमारी अर्यमा शुक्ला जो सिटी मांटेसरी स्कूल, अलीगंज की छात्रा है को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने उनकी इस प्रतिभा देखकर उनको आपना आशीर्वाद भी दिया है। अर्यमा को संस्कृत के मंत्रों को सुनकर याद करने की अद्भुद क्षमता है। इतना ही नही इस अद्भूद बालिका को भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों से परिपूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्यायों के सभी 700 श्लोक कंठस्थ हैं तथा वह उन्हें दो घण्टे में सुना सकती है गीता के अतिरिक्त अर्यमा को संस्कृत में महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र, श्री कनकधारा स्तोत्र, श्री विष्णु सहस्रनाम, श्री राम स्तुति, सरस्वती वंदना, ओम शिवोहम, शिव रक्षा स्तोत्र, शिव तांडव, श्री रामाष्टकम, कृष्णाष्टक पूरी तरह से याद हैं। वह इन मंत्रों और स्तोत्रों को उतनी ही मधुर आवाज में पढ़ती हैं जितनी आसानी से मधुराष्टकम, श्री गणेश पंचरत्नम, ’नवदुर्गा स्तोत्रम्, श्री हरि स्तोत्रम, अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्ः’ रुद्राष्टकम, शिवाष्टकम, निर्वाण शतक, शिव षडाक्षर स्तोत्रम् आदि का पाठ करती हैं। खास बात यह है कि ये मंत्र और स्तोत्र बिना पुस्तक देखे ही सुनाती हैं। इन श्लोकों का उच्चारण सटीक है और इन्हें पूरी श्रद्धा और समझ के साथ सुनाती हैं।
इस अवसर पर मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने इस प्रतिभाशाली अदभुद बालिका की भूरि-भूरि प्रसंसा की उन्होंने कहा कि यह बालिका संस्कृत जैसे कठिन भाषा को इतनी सहजता और मधुरता के साथ उच्चारित करती है जो अविशमर्णिय है साथ ही साथ यह भी बताया कि निश्चित रूप से इस बालिका पर मॉ सारदा के आर्शिवाद से पूर्ण रूप से अर्शिवादित है। यह बालिका अध्यात्म के क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर पर जरूर पहुॅचेगी।